IRS Kuldeep Dwivedi: आज हम एक ऐसे अभ्यर्थी की सक्सेस स्टोरी के बारे में आपको बताएंगे, जिन्होंने बिना कोचिंग, इंटरनेट और मोबाइल फोन के ही अपने पहले प्रयास में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली थी.
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा, निस्संदेह भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. इस परीक्षा के लिए हर साल करीब 10 लाख अभ्यर्थी आवेदन करते हैं, लेकिन आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों में से करीब 1 हजार अभ्यर्थी ही इस परीक्षा को पास कर आईएएस, आईपीएस, आईआरएस या आईएफएस समेत अन्य भारत सरकार की ए ग्रेड लेवल की पोस्ट हासिल कर पाते हैं. आज हम ऐसे ही अभ्यर्थी की बात करेंगे, जिनके पिता एक सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी किया करते थे, उनका बेटा आज भारत सरकार का अफसर बन गया है.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं, आईआरएस ऑफिसर कुलदीप द्विवेदी की, जिन्होंने साल 2015 में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 242वीं रैंक हासिल की थी. बता दें बचपन से ही बेहद खराब आर्थिक परिस्थितियों के बीच पले-बढ़े कुलदीप द्विवेदी ने कभी किसी समस्या को उसकी सफलता के रास्ते में आने नहीं आने दिया.
आईआरएस कुलदीप द्विवेदी उत्तर प्रदेश के निगोह जिले के एक छोटे से गांव शेखपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता सूर्यकांत द्विवेदी लखनऊ विश्वविद्यालय में सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करते थे. वे परिवार में इकलौते कमाने वाला सदस्य थे, उसकी तनख्वाह महज 1,100 रुपए थी. बच्चों को पढ़ाने के लिए सूर्यकांत दिन में खेतों में भी काम किया करते थे.
बता दें कि 4 भाई-बहनों में कुलदीप पढ़ाई में सबसे होशियार थे. उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से साल 2009 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद साल 2011 में उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री भी हासिल कर ली. पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने इलाहाबाद में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की थी. तब उसके पास मोबाइल तक नहीं था और वह पीसीओ के जरिए अपने घरवालों से बात किया करते थे. यहां तक कि कुलदीप ने यूपीएससी परीक्षा के लिए कोई कोचिंग भी नहीं ली. वह दूसरे परीक्षार्थियों से किताबें उधार लेकर सेल्फ स्टडी किया करते थे.
कुलदीप द्विवेदी ने साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी और उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही ऑल इंडिया 242वीं रैंक हासिल कर ली, जिसके बाद वे आईआरएस ऑफिसर (IRS Officer) की पोस्ट के लिए चुने गए.
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