Crime News: बड़ा बैजनाथ में एक महिला को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया जाता है. क्योंकि उसके मायके वाले बाइक की डिमांड को पूरा नहीं कर पाते. दहेज के लालच में ससुरालवाले हैवान बन जाते हैं और उसे हमेशा के लिए खामोश कर देते हैं.
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Suicide or Murder: 19 जनवरी को बिहार के मुजफ्फरपुर में एक महिला की मौत हो जाती है. ससुराल वाले इसे आत्महत्या बताने के लिए साजिश रचते हैं. लेकिन जैसे ही महिला के मायकेवाले उसके ससुराल पहुंचते हैं. ससुरालवाले फरार हो जाते हैं. पुलिस को महिला की लाश तक नहीं मिलती. लेकिन 7 दिन बाद. उस कब्रिस्तान का पता चल जाता है. जहां महिला को दफनाया गया था. अब कब्र से महिला की लाश बाहर आ चुकी है.. और अब बारी उसके गुनहगारों की है. जिसे पुलिस सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए जुटी है.
7 दिन बाद कब्र से बाहर निकली मौत की 'गवाह'.
वो राज.जो इस कब्र में दफ्न है. वो अब सबके सामने है. इस केस में मौत के ठीक 7 दिन बाद पुलिस के हाथ सबसे बड़ा सबूत लगा था. दरअसल जिस कब्रिस्तान में महिला को मारने के बाद दफनाया गया था. उसी कब्रिस्तान से महिला की लाश को बाहर निकाला लिया गया. बिहार पुलिस ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में वारदात के 7 दिन बाद कब्र खोदकर महिला का शव बरामद कर लिया.
तारीख
19 जनवरी, 2025
जगह
मुजफ्फरपुर,बिहार
वारदात
महिला की हत्या
दहेज के लिए एक महिला की मौत से पूरा मुजफ्फरपुर हिल जाता है. बड़ा बैजनाथ गांव में एक महिला को सिर्फ इसलिए मौत के घाट उतार दिया जाता है. क्योंकि उसके मायके वाले बाइक की डिमांड को पूरा नहीं कर पाते. दहेज के लालच में उसके ससुरालवाले हैवान बन जाते हैं. और उसे हमेशा के लिए खामोश कर देते हैं.
मुजफ्फरपुर पुलिस के एसपी ग्रामीण, विद्यासागर ने कहा था, 'मुजरिम चाहे कहीं छिपा हो बच न पाएगा. आरोप है कि ससुराल वालों ने दहेज में बाइक नहीं मिलने पर नूरजहां खातून की हत्या की. आरोपियों ने हत्या को आत्महत्या दिखाने के लिए फांसी के फंदे पर लटका दिया. आरोपियों ने घर से 500 मीटर की दूरी पर शव को ठिकाने लगा दिया और फिर सबूत छिपाने के लिए शव को कब्रिस्तान में दफना दिया गया.
मृतका की मां चानो खातून ने बताया बेटी की मौत की खबर सुनकर जब हम लोग बेटी के ससुराल पहुंचे तो लाश नहीं मिली. जिसके बाद हमने हत्या कर शव छिपाने का आरोप लगाया. जबतक पुलिस मौके पर पहुंचती ससुराल वाले घर से फरार हो गए. जिसके बाद मृतका की मां ने 21 जनवरी को दामाद समेत पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया.
नूरजहां की बॉडी कब्र से बाहर निकाली जा चुकी है. पोस्टमार्टम हो चुका है. उसके गुनहगारों का सारा कच्चा चिट्ठा सामने आ रहा है. लेकिन सवाल है कि आखिर दहेज के लिए आखिर कब तक यूं ही मौत का खेल चलता रहेगा? समाज में लोगों की गंदी सोच आखिर कब बदलेगी.