Kolkata Doctor Case: सीबीआई संदीप घोष से 64 घंटे की पूछताछ कर चुकी है. वह चारों तरफ से इस मामले में घिर चुके हैं. अख्तर अली ने आगे कहा, मैंने साल 2007 से लेकर 2023 तक आरजी कर अस्पताल में काम किया. उस दौरान कई प्रिंसिपल आए. लेकिन कभी भी संदीप घोष जैसा भ्रष्टाचारी आदमी नहीं देखा.
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Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. लोग सड़कों पर उतरकर इसे लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष भी लगातार सवालों के घेरे में हैं. पिछले 6 दिन से सीबीआई उनसे पूछताछ करने में लगी हुई है. इस बीच अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने एक इंटरव्यू के दौरान संदीप घोष को लेकर कई चौंकाने वाले दावे किए हैं. अख्तर अली का आरोप है कि कोलकाता रेप-मर्डर केस का मुख्य आरोपी संजय रॉय पहले संदीप घोष की सिक्योरिटी का हिस्सा था और वह उसका बाउंसर रह चुका है.
संदीप घोष पर अस्पताल के पूर्व डॉक्टर के आरोप
अख्तर अली ने इसके अलावा भी कई सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि संदीप घोष अवैध गतिविधियों के अलावा लावारिस लाशों को बेचने जैसी गतिविधियों का हिस्सा थे. उन्होंने कहा कि वह मेडिकल उपकरणों और बायोमेडिकल वेस्ट की तस्करी बांग्लादेश में किया करते थे. उन्होंने दावा किया कि इसकी शिकायत उन्होंने विजिलेंस कमेटी से भी की थी. वह इन्वेटिगेशन में भी शामिल थे. लेकिन जब उन्होंने इस मामले की फाइनल रिपोर्ट दी तो उसके दो ही घंटे के भीतर उनका तबादला कर दिया गया. इतना ही नहीं, संदीप घोष के खिलाफ कोई एक्शन भी नहीं लिया गया.
संदीप घोष की सिक्योरिटी में था संजय रॉय
अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने कहा, रेप केस के बाद जब मेरी नजर संजय रॉय पर पड़ी तब मुझे ध्यान आया कि वह संदीप घोष की सिक्योरिटी में शामिल था. उन्होंने कहा, जब मैं अस्पताल में काम करता था, तब नर्सिंग रूम या फिर सेमिनार रूम में जाने की परमिशन किसी को नहीं होती थी. हर जगह पर सिक्योरिटी और सीसीटीवी कैमरे लगे थे. लेकिन यह हैरानी की बात है कि एक वॉलंटियर रात में अचानक से कमरे में चला जाता है और इतनी बड़ी वारदात हो जाती है. उन्होंने कहा कि यह कोई बड़ी साजिश भी हो सकती है.
चारों तरफ से घिरा संजय रॉय
अब तक सीबीआई संदीप घोष से 64 घंटे की पूछताछ कर चुकी है. वह चारों तरफ से इस मामले में घिर चुके हैं. अख्तर अली ने आगे कहा, मैंने साल 2007 से लेकर 2023 तक आरजी कर अस्पताल में काम किया. उस दौरान कई प्रिंसिपल आए. लेकिन कभी भी संदीप घोष जैसा भ्रष्टाचारी आदमी नहीं देखा. जब 2021 में उनकी नियुक्ति हुई, उसके बाद से अस्पताल की बर्बादी शुरू हो गई. उसने पैसों के लिए छात्रों को फेल करना शुरू कर दिया. कई बार स्टूडेंट्स ने उसके खिलाफ प्रदर्शन किए, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ.