UPSC topper success story: यूपीएससी परीक्षा पास करना आसान नहीं है. इस परीक्षा में बार-बार असफलता मिलने पर भी उम्मदवार कोशिश करना नहीं छोड़ते और आखिर में उन्हें सफलता मिल ही जाती है. ऐसी ही एक कहानी आईएएस इशिता किशोर की भी है.
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Ishita Kishore Success Story: आज हम आपके लिए एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जो दिल्ली विश्वविद्यालय की एक पूर्व छात्र की है, जो दो बार प्रारंभिक परीक्षा में असफल होने के बाद यूपीएससी सिविल सेवा 2022 की टॉपर बन गई. ये कहानी इशिता किशोर की है. 26 साल इशिता किशोर ने तीसरी कोशिश में UPSC IAS एग्जाम पास कर लिया और वो पूरे देश के लिए नजीर बन गईं. इशिता किशोर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, इशिता ने अर्न्स्ट एंड यंग (Ernst and Young) में काम शुरू किया. यहां वो रिस्क एडवाइजरी डिपार्टमेंट में थीं.
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किशोर के पिता वायुसेना अधिकारी थे, जिनका देहांत हो गया. उनकी माँ एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थीं और उनके बड़े भाई एक वकील हैं. ग्रेटर नोएडा की रहने वाली इशिता एयर फोर्स बाल भारती स्कूल और दिल्ली के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से पढ़ाई की हैं. किशोर ने पॉलिटक साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन को अपने ऑप्शनल विषय के रूप में लेकर परीक्षा पास की. अपने अंकों के बारे में बात करें तो उन्होंने लिखित परीक्षा में कुल 901 अंक और इंटरव्यू में 193 अंक हासिल किए.
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कैसे की तैयारी
किशोर ने कहा कि वह परीक्षा की तैयारी के लिए इशिता कम से कम आठ से नौ घंटे पढ़ाई करती थीं. सिविल सेवा परीक्षा में पहली रैंक हासिल करना उनके लिए 'सपने के सच होने' जैसा है. देश की सबसे मुश्किल परीक्षा पास करने के बाद अपनी सफलता की रणनीति शेयर करते हुए इशिता ने कहा था कि आईएएस अधिकारी बनने की इस कठिन यात्रा को पूरा करने के लिए, आपको अनुशासित और ईमानदार रहना होगा. चाहे आप कितने भी बुद्धिमान क्यों न हों, आपको अपने काम में समय लगाना होगा.
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भारत सरकार के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और अन्य ग्रुप ए और ग्रुप बी सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन करने के लिए, यूपीएससी हर साल तीन चरणों में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है - प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार.