बेहतरीन करियर बन जाए, फिर खुद को कष्ट देकर कम ही लोग तराशते हैं, अभिनव ने तो 30 लाख की जॉब छोड़ दी, पढ़िए IAS की स्टोरी
Advertisement
trendingNow12601354

बेहतरीन करियर बन जाए, फिर खुद को कष्ट देकर कम ही लोग तराशते हैं, अभिनव ने तो 30 लाख की जॉब छोड़ दी, पढ़िए IAS की स्टोरी

IAS Story: अभिनव सिवाच ने अपने सपने को साकार करने के लिए लाखों की नौकरी छोड़ी. आज लोगों के लिए प्रेरणा बन गए हैं. उनकी कहानी मेहनत और दृढ़ निश्चय की मिसाल है. आइए जानते हैं कैसे IAS अधिकारी अभिनव ने यहां तक का सफर तय किया.

बेहतरीन करियर बन जाए, फिर खुद को कष्ट देकर कम ही लोग तराशते हैं, अभिनव ने तो 30 लाख की जॉब छोड़ दी, पढ़िए IAS की स्टोरी

IAS Abhinav Siwach Success Story: हर किसी का सपना होता है कि पढ़ाई पूरी होने के बाद एक अच्छी सी नौकरी मिल जाए और बस जिंदगी आराम से चलती रहे. वहीं, कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो जिंदगी में कुछ बड़ा करने का सोचते हैं और रास्ते में आने वाली हर रुकावटों को पार करके अपनी मंजिल तक पहुंच ही जाते हैं. आज हम आपके लिए एक ऐसे ही आईएएस ऑफिसर अभिनव सिवाच की कहानी लेकर आए हैं, जिनकी सक्सेस जर्नी देश के युवाओं के लिए मोटिवेशन है. आइए जानते हैं कौन हैं IAS अभिनव सिवाच...

लाखों की जॉब छोड़ बने नायब तहसीलदार
अभिनव सिवाच ने अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली से बीटेक किया और फिर आईआईएम कोलकाता से एमबीए. इसके बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में 30 लाख रुपये के पैकेज वाली नौकरी हासिल की, लेकिन उनका सिविल सर्विस का सपना अधूरा था. उन्होंने नौकरी छोड़कर हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) की परीक्षा दी और नायब तहसीलदार बने.

गरीबी में बीता नितिन का बचपन, पर सपनों को दिए पंख, कड़ी मेहनत का परिणाम होता है खास ये साबित किया, हर चुनौती पार कर बने IPS

SDM बनने के बाद भी नहीं छोड़ा IAS का सपना
नायब तहसीलदार के तौर पर काम करने के दौरान अभिनव ने दिल्ली सिविल सर्विस परीक्षा पास की और एसडीएम बने. इस पद पर रहते हुए भी उन्होंने IAS बनने के अपने सपने को मरने नहीं दिया. उनके मुताबिक, "मैंने नौकरी के साथ-साथ सात से आठ घंटे पढ़ाई की और सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखी."

परिवार से मिली प्रेरणा
अभिनव सिवाच का परिवार भी उनकी सफलता में प्रेरणा का स्रोत रहा. उनके पिता सतबीर सिवाच एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर हैं, और उनके चाचा ललित सिवाच IAS अधिकारी. परिवार के प्रशासनिक माहौल ने उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मदद की.

सेल्फ-स्टडी से मिली सफलता
अभिनव ने बिना किसी कोचिंग के केवल सेल्फ-स्टडी के बल पर यूपीएससी परीक्षा पास की. उन्होंने बताया कि रोजाना 5-6 घंटे की पढ़ाई और बेसिक्स को मजबूत करने की वजह से उन्हें यह सफलता मिली. उनकी ऑल इंडिया 12वीं रैंक ने उनके सपनों को हकीकत में बदल दिया.

युवाओं को दी सफलता की टिप्स
अभिनव सिवाच ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं को सलाह दी कि सफलता पाने के लिए लगातार मेहनत करें और बेसिक्स को मजबूत करें. उन्होंने रिवीजन और नियमित पढ़ाई को सफलता का मंत्र बताया.

समाज सेवा करना है लक्ष्य
IAS बनने के बाद अभिनव का मुख्य उद्देश्य समाज सेवा करना है. उन्होंने कहा, "मेरे पास जो भी पावर और अधिकार होंगे, उनका उपयोग मैं आम जनता की भलाई के लिए करूंगा."

Trending news