STEAM स्टूडेंट्स को फ्यूचर वर्कफोर्स के लिए कैसे करता है तैयार?
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STEAM स्टूडेंट्स को फ्यूचर वर्कफोर्स के लिए कैसे करता है तैयार?

STEAM Subjest: जल्द ही दुनिया भर में कई अनस्किल्ड और साधारण नौकरियां मशीनों द्वारा ली जा सकती हैं.

STEAM स्टूडेंट्स को फ्यूचर वर्कफोर्स के लिए कैसे करता है तैयार?

STEAM Benifit: आजकल के काम के लिए लोगों में ये क्षमता होनी चाहिए कि वो जानकारी को समझ सकें, असल दुनिया की समस्याओं को हल कर सकें, और सोच-समझकर फैसले ले सकें. ये सब तभी हो सकता है जब लोग जिज्ञासु हों और सीखने के लिए तैयार हों, और जब वो करके सीखते हैं. इसीलिए स्कूलों में STEAM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्ट्स और मैथमेटिक्स) की पढ़ाई शुरू की गई है.

STEAM का मकसद बच्चों में जिज्ञासा पैदा करना है, उन्हें सवाल पूछने के लिए मोटिवेट करना है, उनकी क्रिएटिविटी और खोजबीन को बढ़ावा देना है, और उन्हें सिखाना है कि कैसे समस्याओं को हल करके रीयल वर्ल्ड में उनका इस्तेमाल किया जा सकता है.

STEAM की पढ़ाई में किसी भी सब्जेक्ट या स्टूडेंट को अलग नहीं रखा जाता. STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ) का विचार 1990 के दशक में आया था, हालांकि शुरुआत में इसे SMET कहा जाता था. 2001 में अमेरिकी जीवविज्ञानी जूडिथ रामले ने इसके अक्षरों का क्रम बदला.  फिर 2006 में एक इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी टीचर, जॉर्जेट याकमैन ने STEAM एजुकेशन की शुरुआत की, जिसमें आर्ट्स को भी शामिल किया गया.

STEAM एजुकेशन के कई बड़े फायदे हैं. बच्चों में आपस में कॉम्पटीशन की जगह सहयोग की भावना बढ़ती है, उनकी क्रिएटिविटी बढ़ती है, और वो अपनी-अपनी तरह से समस्याओं को हल करना सीखते हैं. उनके सोशल स्किल्स बेहतर होते हैं, उन्हें मल्टीमीडिया और अलग-अलग प्लेटफॉर्म से सीखने का मौका मिलता है, उनकी सोचने-समझने की क्षमता बढ़ती है, जिज्ञासा बढ़ती है, और वो जो कुछ भी सीखते हैं उसे असल दुनिया में इस्तेमाल कर पाते हैं.  सीधे शब्दों में कहें तो, STEAM एजुकेशन बच्चों को हर तरह से बेहतर बनाती है, चाहे वो पढ़ाई हो,  या उनकी पर्सनालिटी.

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भारत में, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 (एनईपी) दिखाती है कि नीति निर्माताओं का ध्यान रटकर सीखने जैसी पुरानी प्रथाओं से दूर जाने का है. सरकार ने 2040 तक एक ऐसी शिक्षा प्रणाली बनाने का लक्ष्य रखा है जो "किसी से कम न हो, सभी शिक्षार्थियों के लिए सामाजिक या आर्थिक बैकग्राउंड की परवाह किए बिना हाई क्वालिटी वाली एजुकेशन तक समान पहुंच के साथ".

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एनईपी 2020 इस बात की स्वीकारोक्ति है कि दुनिया "नॉलेज के क्षेत्र में तेजी से बदलाव" से गुजर रही है. कई वैज्ञानिक और तकनीकी विकास और उनके अनुप्रयोग बढ़ रहे हैं; चाहे वह बड़ा डेटा हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, मशीन लर्निंग आदि हो. जल्द ही दुनिया भर में कई अकुशल और साधारण नौकरियां मशीनों द्वारा ली जा सकती हैं. सीधे शब्दों में कहें तो, नई एजुकेशन पॉलिसी का मकसद बच्चों को रटवाने की जगह समझाना है, और ऐसी शिक्षा देना है जो सबको मिले, चाहे वो अमीर हो या गरीब. क्योंकि आजकल टेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ रही है, और कई नौकरियां मशीनों द्वारा की जा सकती हैं, इसलिए बच्चों को इसके लिए तैयार  करना ज़रूरी है.

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