यूपी सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि क्लीन एनर्जी पहल का समर्थन करने के लिए 900 मेगावाट (MW) की संयुक्त क्षमता वाले सोलर पैन इंस्टॉल किये गए हैं. इस इनोवेशन को को केंद्र सरकार की तरफ से बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में माना गया है.
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Uttar Pradesh Govt: क्लीन एनर्जी रोडमैप को मजबूत करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य में जल जीवन मिशन के जरिये 33,000 से ज्यादा प्रोजेक्ट में सोलर एनर्जी को इंटीग्रेट करके पारंपरिक ऊर्जा लागत में करीब एक खरब (10000 करोड़) रुपये की बचत करने की योजना बना रहा है. जल जीवन मिशन का मौजूदा समय में राज्य में 41,000 परियोजनाओं का पोर्टफोलियो है. उत्तर प्रदेश में 33,229 सोलर एनर्जी बेस्ड भूजल योजनाओं से राज्य के खजाने को पावर बिल में कटौती करके उनके जीवनकाल में एक खरब रुपये की बचत होने की उम्मीद है.
1.3 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी
इसके अलावा, इन प्रोजेक्ट से पारंपरिक बिजली आपूर्ति कम होने के कारण सालाना 1.3 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी. यूपी सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि क्लीन एनर्जी पहल का समर्थन करने के लिए 900 मेगावाट (MW) की संयुक्त क्षमता वाले सोलर पैन इंस्टॉल किये गए हैं. इस इनोवेशन को को केंद्र सरकार की तरफ से बेस्ट प्रेक्टिस के रूप में माना गया है. उन्होंने कहा कि यह देश में पर्यावरण के अनुकूल शासन के लिए मिसाल कायम करेगा.
योजनाओं को तेजी से पूरा करने का आदेश
पिछले दिनों यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट और योजनाओं को तेजी से पूरा करने का आदेश दिया था. लागत बचत के अलावा सोलर एनर्जी बेस्ड प्रोजेक्ट से यूपी को 30 साल में 39 मिलियन कार्बन क्रेडिट अर्जित करने में मदद मिलने की उम्मीद है. यह यूपी की स्थिरता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
राज्य को 'ग्रीन स्टेट' में बदलने में योगदान मिल रहा
उन्होंने कहा कि सोलर एनर्जी बेस्ड प्रोजेक्ट को अपनाने से ऊर्जा लागत कम हो रही है और राज्य को 'ग्रीन स्टेट' में बदलने में योगदान मिल रहा है. इस बीच राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों द्वारा माइक्रोग्रिड स्थापित करने को बढ़ावा दे रही है. इस बारे में टाटा पावर की सब्सिडियरी कंपनी टाटा पावर रिन्यूएबल माइक्रोग्रिड ने यूपी में कुल 4.5 मेगावाट की क्षमता वाले 150 सोलर एनर्जी संचालित माइक्रोग्रिड स्थापित कर दिए हैं. ये माइक्रोग्रिड 150 गांवों को सर्विस देते हैं.
टाटा पावर रिन्यूएबल माइक्रोग्रिड के सीईओ मनोज गुप्ता ने कहा कि इससे ग्रामीण घरों और 300 सूक्ष्म उद्यमों जैसे आटा चक्कियों, तेल एक्सपेल, धान की भूसी हटाने वालों, मसाला पीसने वालों को फायदा होता है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश एनटीपीसी, टेहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और सतलुज जल विद्युत निगम के साथ मिलकर फ्लोटिंग सोलर एनर्जी प्लांट शुरू करने के प्लान पर काम कर रहा है. राज्य का मकसद 2027 तक 14,000 मेगावाट सोलर एनर्जी प्रोडक्शन का है.