Sebi Report: सेबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, जांच के नतीजों के आधार पर कानून के अनुरूप उचित कार्रवाई की जाएगी. रिपोर्ट अडानी ग्रुप की कंपनियों की शेयरों में हेराफेरी, संबंधित पक्षों के साथ लेनदेन का खुलासा करने में कथित नाकामी और नियमों में उल्लंघन के आरोपों पर अपनी अंतिम राय रखती है.
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Adani Group Investigation: मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अडानी ग्रुप के खिलाफ दो आरोपों को छोड़कर सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली गई है. ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के असली मालिकों के बारे में पांच देशों से जानकारी आने का अभी इंतजार है. सेबी (SEBI) ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी एक रिपोर्ट में कहा कि अडानी ग्रुप से संबंधित जिन 24 मामलों की जांच चल रही है, उनमें से 22 मामलों का अंतिम निष्कर्ष आ चुका है.
अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों पर सेबी की अंतिम राय
सेबी की तरफ से जांच के नतीजों की जानकारी नहीं दी गई लेकिन उसने संबंधित पक्षों के बीच लेनदेन के साथ जांच में उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्योरा दिया है. सेबी (SEBI) ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'जांच के नतीजों के आधार पर कानून के अनुरूप उचित कार्रवाई की जाएगी.' रिपोर्ट अडानी ग्रुप की कंपनियों की शेयरों के रेट में हेराफेरी, संबंधित पक्षों के साथ लेनदेन का खुलासा करने में कथित नाकामी और ग्रुप के कुछ शेयरों में भेदिया कारोबार प्रावधानों के उल्लंघन के आरोपों पर अपनी अंतिम राय रखती है.
इस मामले में 13 विदेशी संस्थाएं शामिल
विदेशी फर्जी कंपनियों के जरिये अपनी ही कंपनियों में निवेश करके न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी के प्रावधान का उल्लंघन करने के आरोप पर सेबी (SEBI) ने कहा कि इस मामले में 13 विदेशी संस्थाएं शामिल हैं, जिनमें 12 एफपीआई (FPI) और एक विदेशी कंपनी है. इन 13 विदेशी इकाइयों को अडानी ग्रुप की कंपनियों के पब्लिक शेयरहोल्डर्स के रूप में वर्गीकृत किया गया था. लेकिन अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में इनमें से कुछ इकाइयों को अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी द्वारा संचालित या उनकी सहयोगी बताया गया था.
पांच देशों से सूचनाएं जुटाने की कोशिश जारी
सेबी की तरफ से रिपोर्ट में कहा गया कि इन विदेशी निवेशकों से जुड़ी कई संस्थाओं के 'टैक्स हेवन' देशों में स्थित होने से 12 एफपीआई के शेयरधारकों के आर्थिक हित को स्थापित करना एक चुनौती बनी हुई है.' इन देशों में पंजीकृत कंपनियों पर बहुत कम या किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया जाता. इस कारण कई कंपनियां टैक्स से बचने के लिए इन देशों में अपना रजिस्ट्रेशन कराती रही हैं. सेबी ने कहा कि इन विदेशी निवेश कंपनियों के असली मालिकों के बारे में पांच देशों से सूचनाएं जुटाने की कोशिश जारी है. ऐसा नहीं होने तक जांच रिपोर्ट अंतरिम है.
रिपोर्ट को 24 अगस्त को मंजूरी दी गई
सेबी ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी होने से पहले और उसके बाद में अडानी ग्रुप के शेयरों में कारोबार से संबंधित अंतरिम रिपोर्ट को सक्षम प्राधिकारी ने मंजूरी दे दी है. इस रिपोर्ट को 24 अगस्त को मंजूरी दी गई. हिंडनबर्ग रिपोर्ट के पहले और बाद में अडानी ग्रुप के शेयरों में हुए कारोबार के संदर्भ में जानकारी जुटाने के लिए विदेशी एजेंसियों से भी संपर्क किया गया. सेबी ने बताया कि अभी भी कुछ जानकारी मिलने का इंतजार है.
हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों के भाव में हेराफेरी करने और खाते बहीखाते में धोखाधड़ी के अलावा विदेशी फर्मों के जरिये हस्तक्षेप के आरोप लगाए गए थे. इन आरोपों के बाद ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप में दो महीने के अंदर 150 अरब डॉलर तक की भारी गिरावट आ गई थी. हालांकि अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा था कि यह रिपोर्ट उसे निशाना बनाने की नीयत से जारी की गई. ग्रुप सभी नियामकीय प्रावधानों का पालन करता है. (इनपुट भाषा से)