अस्मिता पटेल समेत इन लोगों के कहने पर आपने भी शेयर बाजार में क‍िया है न‍िवेश? सेबी ने क‍िया बैन
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अस्मिता पटेल समेत इन लोगों के कहने पर आपने भी शेयर बाजार में क‍िया है न‍िवेश? सेबी ने क‍िया बैन

Share Market: बैन करने के अलावा SEBI ने अलग-अलग पाठ्यक्रमों के लिए प्रतिभागियों से शुल्क के रूप में ली गई 53 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की राशि वापस करने का निर्देश भी दिया है. 

अस्मिता पटेल समेत इन लोगों के कहने पर आपने भी शेयर बाजार में क‍िया है न‍िवेश? सेबी ने क‍िया बैन

SEBI Action on Asmita Patel: शेयर बाजार और म्‍युचूअल फंड में न‍िवेश का पैटर्न प‍िछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है. काफी लोग इक्‍व‍िटी में न‍िवेश करने से पहले अलग-अलग फिनइनफ्लुएंसर के वीड‍ियो देखकर प्रभाव‍ित हो जाते हैं. इस पर कई बार उन्‍हें नुकसान का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे मामलों को देखते हुए मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी की तरफ से लगातार कड़े कदम उठाए जाते हैं. प‍िछले द‍िनों में कई बार सेबी ने इसको लेकर कार्रवाई की है. हाल‍िया मामले में सेबी ने 'फिनइनफ्लुएंसर' अस्मिता पटेल और अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल समेत छह पक्षों को कैप‍िटल मार्केट से बैन कर द‍िया है.

निवेश सलाहकार सेवाओं के लिए प्रतिबंधित किया

सेबी ने इन दोनों को कथित रूप से गैरपंजीकृत निवेश सलाहकार सेवाओं के लिए प्रतिबंधित किया गया. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अलग-अलग पाठ्यक्रमों के लिए प्रतिभागियों से शुल्क के रूप में ली गई 53 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की राशि वापस करने का निर्देश भी दिया है. वित्तीय परामर्श देकर लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले व्यक्तियों को फिनइनफ्लूएंसर कहा जाता है.

इन छह को जारी क‍िया था नोट‍िस
सेबी ने गुरुवार को पारित एक अंतरिम आदेश एवं कारण बताओ नोटिस के जरिये छह पक्षों- अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड (APGSOT), अस्मिता जितेश पटेल, जितेश जेठालाल पटेल, किंग ट्रेडर्स, जेमिनी एंटरप्राइज और यूनाइटेड एंटरप्राइजेज को पूंजी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया.

104 क्‍यों नहीं वसूले जाएं?
सेबी के आदेश के अनुसार नियामक ने इन छह पक्षों से यह भी पूछा है कि विभिन्‍न कार्यक्रमों के लिए शुल्क के रूप में ल‍िये गए 104.63 करोड़ रुपये उनसे क्यों न वसूले जाएं और उन्हें जब्त क्यों नहीं किया जाए. यह मामला अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग के पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले व्यक्तियों से संबंधित है. सेबी के आदेश में कहा गया कि उन्हें मुनाफे के अतिरंजित वादों से गुमराह किया गया और शेयर बाजार से जुड़ी सामान्य शिक्षा के लिए उच्च शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया. (इनपुट भाषा)

(ड‍िस्‍क्‍लेमर: जी न्‍यूज की तरफ से क‍िसी भी प्रकार के न‍िवेश की सलाह अपने पाठकों को नहीं दी जाती. क‍िसी भी प्रकार का न‍िवेश करने से पहले अपने फाइनेंश‍ियल एडवाइजर से संपर्क करें.) 

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