RBI Governor: गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि डिमांड और सप्लाई अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये का मूल्य तय करती हैं. केंद्रीय बैंक मुद्रा मूल्य में दिन-प्रतिदिन के उतार-चढ़ाव को लेकर चिंतित नहीं है.
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RBI On Rupee Value: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शनिवार को कहा कि बाजार ताकतें (डिमांड और सप्लाई) अमेरिकी डॉलर की तुलना में रुपये का मूल्य तय करती हैं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रा मूल्य में दिन-प्रतिदिन के उतार-चढ़ाव को लेकर चिंतित नहीं है.
मल्होत्रा ने रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केंद्रीय बैंक मध्यम से लंबी अवधि में रुपये के मूल्य पर ध्यान देता है.
उन्होंने रुपये की विनिमय दर में गिरावट पर पूछे गये सवाल के जवाब में कहा, "RBI के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है यह किसी भी कीमत स्तर या दायरे को नहीं देखता है. हमारा प्रयास अत्यधिक अस्थिरता पर अंकुश लगाना है. हम रोजाना के उतार-चढ़ाव या विनिमय दर पर ध्यान नहीं देते."
रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती
RBI गवर्नर ने कीमत वृद्धि पर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के प्रभाव पर कहा कि घरेलू मुद्रा के मूल्य में पांच प्रतिशत की कमी घरेलू मुद्रास्फीति को 0.30 से 0.35 प्रतिशत की सीमा तक प्रभावित करता है. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि और मुद्रास्फीति अनुमानों पर काम करते समय मौजूदा रुपया-डॉलर दर को ध्यान में रखा है.
अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को नौ पैसे चढ़कर अबतक के निचले स्तर से उबरते हुए 87.50 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. बाजार उम्मीदों के अनुरूप रिजर्व बैंक के प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की कटौती के बाद रुपये में सुधार आया.
RBI गवर्नर ने यह भी कहा कि भारतीय मुद्रा में ज्यादातर गिरावट वैश्विक मुद्दों और विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क संबंधी घोषणाओं के कारण सामने आई अनिश्चितताओं के कारण है.
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि स्थिति सुधरेगी और इससे हमें मुद्रास्फीति को नीचे लाने में मदद मिलेगी. मल्होत्रा ने यह भी कहा कि आरबीआई बैंकों में पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से सजग है.
नकदी को कंट्रोल करने के कई साधन: RBI
उन्होंने कहा कि नकदी को नियंत्रित करने और प्रबंधित करने के लिए हमारे पास कई साधन हैं और हम उनका उपयोग करेंगे. हमारे पास खुले बाजार में बॉन्ड की खरीद-बिक्री (ओएमओ) है, हमारे पास विदेशी मुद्रा की खरीद-बिक्री की व्यवस्था है.... हम पर्याप्त नकदी प्रदान करने के लिए इन सभी उपायों का उपयोग कर रहे हैं.
मल्होत्रा ने क्रिप्टो-करेंसी से संबंधित एक सवाल के जवाब में कहा कि क्रिप्टो परिसंपत्तियों से संबंधित मुद्दों को देखने के लिए सरकार ने एक कार्य समूह का गठन किया है और क्रिप्टो पर एक चर्चा पत्र भी जारी किया जाएगा.
(कॉपी- भाषा)