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अगर आप भी एनपीएस में पैसा इनवेस्ट करते हैं तो यह अपडेट आपको जरूर पता होना चाहिए. बीमा नियामक इरडा (IRDAI) ने कहा कि उसने रिटायरमेंट के समय एनपीएस के पैसे से पेंशन खरीदने के लिए एक अलग फॉर्म जमा करने की जरूरत को खत्म कर दिया है. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने कहा कि इस फैसले का मकसद बीमा उद्योग में कारोबार को आसान बनाना और पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करना है.
अलग से फॉर्म जमा करने की जरूरत में ढील
इरडा ने एक आदेश में कहा, 'इस दिशा में, सीनियर सिटीजन के जीवन को आसान बनाने के लिए इरडा ने राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) की आय से तत्काल पेंशन उत्पादों को लेने के लिए अलग से फॉर्म जमा करने की जरूरत में ढील दी है.' इस समय एनपीएस में शामिल सेवानिवृत्त लोगों को पीएफआरडीए के पास एक निकासी फॉर्म और बीमा कंपनियों के पास एक प्रस्ताव फॉर्म जमा करना होता है.
बीमा कंपनियों को भी सुविधा होगी
इरडा ने कहा कि अब एनपीएस के निकासी फॉर्म को पेंशन खरीदने के प्रस्ताव फॉर्म के रूप में माना जाएगा. इससे वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही बीमा कंपनियों को सुविधा होगी. पेंशन सेवा प्रदाता (ASP) बीमा कंपनियां हैं, जो बीमा नियामक द्वारा विनियमित हैं और पीएफआरडीए ने इन्हें सूचीबद्ध किया है. ये कंपनियों एनपीएस ग्राहकों को उनके द्वारा दी जाने वाली राशि के आधार पर पेंशन देती हैं.
पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (PFRDA) के पास एनपीएस के तहत पेंशन कोष प्रबंधक हैं, जिन्हें ग्राहकों के पेंशन फंड को विवेकपूर्ण तरीके से निवेश करने का काम सौंपा गया है. पीएफआरडीए के नियमों के अनुसार सदस्यों को अपनी संचित पेंशन राशि का कम से कम 40 प्रतिशत हिस्सा मासिक पेंशन उत्पाद खरीदने के लिए इस्तेमाल करना होगा. इसके अलावा शेष राशि एकमुश्त ली जा सकती है.
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