बांग्लादेश में सबसे ज्यादा निवेश वाली कंपनी मारिको ने शेयर मार्केट को जानकारी दी कि देश में उसका उत्पादन 11 अगस्त से सामान्य हो गया है. मारिको ग्रुप की एफएमसीजी कंपनी ने कहा, बाजार की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है.
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Bangladesh Violence: बांग्लादेश में कारोबार करने वाली भारत की एफएमसीजी कंपनियों का कहना है उनका बांग्लादेश में कारोबार धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. यह करीब एक हफ्ते तक बंद रहा था. मारिको, डाबर, एमामी, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, ब्रिटानिया और गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स जैसी दिग्गज एफएमसीजी कंपनियों का बांग्लादेश में बिजनेस है. पिछले कुछ समय से पड़ोसी मुल्क हिंसक झड़प और सत्ता परिवर्तन का सामना कर रहा था.
बाजार की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही
इसके अलावा अमेरिकी पिज्जा रेस्तरां चेन डोमिनोज की मास्टर फ्रेंचाइजी जुबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड (JFL) भी बांग्लादेश में करीब 30 स्टोर का संचालन करती है. बांग्लादेश में सबसे ज्यादा निवेश वाली कंपनी मारिको ने शेयर मार्केट को जानकारी दी कि देश में उसका उत्पादन 11 अगस्त से सामान्य हो गया है. मारिको ग्रुप की एफएमसीजी कंपनी ने कहा, बाजार की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है और हमारे अधिकांश खुदरा वितरक पिछले हफ्ते से काम कर रहे हैं.
खुदरा महंगाई दर 12 साल के रिकॉर्ड पर
दूसरी तरफ भारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बांग्लादेश में खुदरा महंगाई दर जुलाई के महीने में 12 साल के रिकॉर्ड लेवल 11.66 प्रतिशत पर पहुंच गई. स्थानीय न्यूज पेपर ‘द ढाका ट्रिब्यून’ ने बांग्लादेश सांख्यिकी ब्यूरो की तरफ से जारी आंकड़ों के हवाले से कहा कि जुलाई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई से खुदरा महंगाई दर 12 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. खुदरा महंगाई का पिछला उच्चस्तर मई में 9.94 प्रतिशत रहा था. पिछले महीने खाद्य महंगाई दर 14.10 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर रही जबकि गैर-खाद्य महंगाई दर 9.68 प्रतिशत रही.
इससे पहले जून के महीने में खाद्य महंगाई दर और गैर-खाद्य महंगाई दर क्रमशः 10.42 प्रतिशत और 9.15 प्रतिशत रही थीं. जुलाई के महीने में देशभर में छात्र आंदोलन की वजह से बांग्लादेश की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं. इस दौरान कई दिनों तक कर्फ्यू लगा और इंटरनेट को भी बंद कर दिया गया था. सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रावधानों के विरोध में उतरे प्रदर्शनकारियों ने बाद में शेख हसीना की अगुवाई वाली सरकार के इस्तीफे की मांग शुरू कर दी थी. अगस्त की शुरुआत में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके बाद हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. (इनपुट भाषा से भी)