BPCL: मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में तीन लाख करोड़ रुपये की लागत से 60 लाख टन क्षमता वाली तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परिसर स्थापित करने की योजना बनी थी.
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BPCL Project: आंध्र प्रदेश में प्रस्तावित बीपीसीएल तेल रिफाइनरी भारत की अब तक की सबसे महंगी रिफाइनरी परियोजना होगी. सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के आंध्र प्रदेश में प्रस्तावित 90 लाख टन सालाना क्षमता वाली तेल रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल परिसर की लागत करीब 95,000 करोड़ रुपये होने की संभावना है.
कंपनी के निदेशक (वित्त) वी रामकृष्ण गुप्ता ने कहा है कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) इस साल राजस्थान के बाड़मेर में 71,814 करोड़ रुपये की लागत से इतनी ही आकार की इकाई चालू करेगी. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले में तीन लाख करोड़ रुपये की लागत से 60 लाख टन क्षमता वाली तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल परिसर स्थापित करने की योजना बनी थी.
95,000 करोड़ रुपये की आएगी लागत
हालांकि, भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के कारण यह परियोजना शुरू नहीं हो पाई. गुप्ता ने तीसरी तिमाही की आय की घोषणा के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में कहा कि बीपीसीएल बोर्ड ने पिछले महीने भूमि अधिग्रहण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और कुछ अध्ययनों जैसी परियोजना से पहले की गतिविधियों पर 6,100 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी थी.
उन्होंने कहा, ''मोटे तौर पर पूंजीगत व्यय की आवश्यकता कुल मिलाकर लगभग 95,000 करोड़ रुपये होगी.'' आंध्र प्रदेश सरकार ने भी अच्छी मात्रा में पूंजी सब्सिडी प्रोत्साहन का संकेत दिया है. गुप्ता ने कहा, ''हम दिसंबर में अंतिम संख्या (निवेश की) पर पहुंचेंगे, जब डीपीआर और फीड अध्ययन पूरा हो जाएगा.''
4 साल बाद चालू होने की संभावना
उन्होंने कहा कि साथ ही कंपनी एक संयुक्त उद्यम भागीदार (शामिल करने के लिए) की तलाश भी कर रही है, हालांकि इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया गया. अंतिम निवेश निर्णय (एफआईडी) के बाद 48 महीनों में रिफाइनरी के चालू होने की संभावना है. रिफाइनरी का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह एक तटीय रिफाइनरी होगी और भूमि की पहचान कर ली गई है.
गुप्ता ने कहा, ''हम 6,000 एकड़ जमीन की तलाश कर रहे हैं... जमीन की पहचान कर ली गई है और अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होनी है.'' डीपीआर पूरा करने और ‘फीडस्टॉक’ अध्ययन करने में 6-9 महीने लगेंगे.
उन्होंने कहा कि कोई भी वित्तीय निर्णय लेने से पहले काफी मात्रा में पूर्व-निवेश की आवश्यकता है. रिफाइनरी की क्षमता 90 लाख टन प्रति वर्ष होगी. इस प्रसंस्करण से पेट्रोल और डीजल जैसे 30-35 लाख टन ईंधन और पेट्रोकेमिकल्स के 38-40 लाख टन ‘फीडस्टॉक’ का उत्पादन होगा.
(कॉपी- भाषा)