IRCTC: उत्तर रेलवे (Indian Railways) की सभी डिवीजन से सर्वे रिपोर्ट जल्द से जल्द मांगी गई है. सूत्रों का कहना है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में प्रस्तावित नई दरों की लिस्ट रेलवे बोर्ड को भेज दी जाएगी.
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Railway Station Food: क्या आप अक्सर ट्रेन से सफर करते हैं और आमतौर पर ट्रेन या स्टेशन पर ही बिकने वाला नाश्ता या खाना खाते हैं? अगर इन दोनों ही सवालों का जवाब हां में है तो आप जरा सर्तक हो जाइए. जी हां, रेलवे के करोड़ों यात्रियों को लंबे समय बाद महंगाई की मार झेलनी पड़ सकती है. खाने-पीने की चीजों की कीमत में इजाफा 10 साल बाद होना तय माना जा रहा है. दरअसल, रेलवे की तरफ से हर 10 साल में खान-पान की चीजों का सर्वे किये जाने के बाद स्टेशन / प्लेटफॉर्म या ट्रेन में बिकने वाली खाने की चीजों का रेट तय होता है.
खुदरा महंगाई दर रिकॉर्ड लेवल पर
अब 10 साल उत्तर रेलवे (Indian Railways) की तरफ से बाजार का सर्वे किया जा रहा है. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही अगला निर्णय लिया जाएगा. पिछले कई महीनों से जब खुदरा महंगाई दर रिकॉर्ड लेवल पर चल रही है तो ऐसे में खाने-पीने की चाजों के महंगे होने की संभावना है. सर्वे के आधार पर आने वाली रिपोर्ट को बेस मानकर ही नई दरों की लिस्ट जारी की जाएगी.
रेलवे बोर्ड किसी भी तरह के बदलाव के लिए स्वतंत्र
इस काम को समय से किया जा सके इसके लिए उत्तर रेलवे (Indian Railways) की सभी डिवीजन से सर्वे रिपोर्ट जल्द से जल्द मांगी गई है. सूत्रों का कहना है कि दिसंबर के पहले हफ्ते में प्रस्तावित नई दरों की लिस्ट रेलवे बोर्ड को भेज दी जाएगी. रेलवे बोर्ड इसमें किसी भी तरह का बदलाव करने के लिए स्वतंत्र होगा. बाद में रेलवे बोर्ड की तरफ से ही अंतिम मुहर लगेगी और यह सभी डिविजन में जारी कर दी जाएगी.
हर 10 साल में कीमत रिवाइज होने का नियम
आपको बता दें रेलवे स्टेशन पर बिकने वाली खाने-पीने की चीजों की कीमत हर 10 साल में रिवाइज होने का नियम है. इससे पहले साल 2012 में बाजार का आकलन करने के बाद दिल्ली डिवीजन के प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले सामानों का रेट तय किया गया था. 10 साल पूरे होने पर उत्तर रेलवे प्रशासन ने सभी डिविजन से प्रस्तावित दर की रिपोर्ट मांगी है.
सर्वे के आधार पर तय की जाती है रिपोर्ट
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार का कहना है कि प्रत्येक 10 साल में बाजार का सर्वे करने के बाद स्टेशन पर बिकने वाली चीजों की कीमत तय होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए बाजार का सर्वे किया जा रहा है. रेलवे बोर्ड को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी. बोर्ड ही कीमतों पर अंतिम फैसला लेगा.
एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा कि पिछले कुछ सालों में महंगाई तेजी से बढ़ी है. इस कारण इसका असर आने वाले समय में स्टेशन और ट्रेन में मिलने वाले चीजों पर भी दिखाई देगा. इस सर्वे के बाद यात्रियो की जेब ढीली होना तय माना जा रहा है.
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