इन वजह से आपको अभी भी ओल्‍ड र‍िजीम स‍िलेक्‍ट करनी चाह‍िए, बच जाएगा Income Tax का पैसा
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इन वजह से आपको अभी भी ओल्‍ड र‍िजीम स‍िलेक्‍ट करनी चाह‍िए, बच जाएगा Income Tax का पैसा

Tax Regime: व‍ित्‍त मंत्री की तरफ से ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम के तहत क‍िसी तरह की राहत नहीं दी गई है. इसके बावजूद कुछ मामलों में आपके ल‍िए ओल्‍ड र‍िजीम का चुनाव करना फायदे का सौदा साब‍ित हो सकता है. 

इन वजह से आपको अभी भी ओल्‍ड र‍िजीम स‍िलेक्‍ट करनी चाह‍िए, बच जाएगा Income Tax का पैसा

New Vs Old Tax Regime: व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सैलरीड क्‍लास के ल‍िए बजट 2025 में बड़े बदलाव का ऐलान क‍िया है. इसके तहत न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम में अब 12 लाख तक की सालाना आमदनी पर क‍िसी तरह का टैक्‍स नहीं देना होगा. इस बदलाव के साथ ही म‍िड‍िल क्‍लास टैक्‍सपेयर्स के लिए न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम काफी आकर्षक हो गई है. फाइनेंश‍ियल ईयर 2023-24 में करीब 74 प्रतिशत टैक्‍सपेयर्स ने न्‍यू टैक्स र‍िजीम को स‍िलेक्‍ट क‍िया था. नए बदलाव के बाद यह उम्मीद है कि अगले फाइनेंश‍ियल ईयर में करीब 90 प्रतिशत टैक्‍सपेयर न्‍यू र‍िजीम को चुन सकते हैं.

अध‍िकतर लोग चुनेंगे न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम

सीबीडीटी चेयरमैन रवि अग्रवाल ने उम्‍मीद जताई क‍ि दोनों टैक्स र‍िजीम में टैक्स बदलाव का अंतर बढ़ने के कारण कम ही लोग ओल्‍ड र‍िजीम में जाएंगे. लेक‍िन यद‍ि आपकी सैलरी 12 लाख रुपये से ज्‍यादा है तो कुछ मामलों को छोड़कर आपके ल‍िए अभी भी ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम ज्‍यादा बेहतर व‍िकल्‍प साब‍ित हो सकती है. आइए जानते हैं क्‍यों?

ज्‍यादा कटौतियों और छूट का फायदा
न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम में टैक्स स्‍लैब कम है लेकिन इसमें ज्‍यादा कटौतियों और छूट का फायदा नहीं म‍िलता. इसलिए यद‍ि आपने पीपीएफ, एनपीएस और सुकन्‍या समृद्ध‍ि जैसी योजनाओं में पैसा न‍िवेश क‍िया है तो आप न्‍यू र‍िजीम को छोड़कर ओल्‍ड र‍िजीम में ही रिटर्न भरना चाहेंगे. चार्टेड अकाउंटेंट आशीष म‍िश्रा कहते हैं यद‍ि आप न्‍यू टैक्स र‍िजीम चुनते हैं तो आपको इनकम टैक्स में मिलने वाली ज्‍यादा छूट और कटौती नहीं मिलेगी. इसमें आपको केवल स्टैंडर्ड डिडक्शन और एनपीएस डिडक्शन (नियोक्ता की तरफ से द‍िया जाने वाला) का ही फायदा म‍िलता है. न्‍यू र‍िजीम में 80C, 80D के तहत कटौतियां, होम लोन का ब्याज और एचआरए जैसी छूट नहीं म‍िलती.

HRA क्‍लेम करने की सुव‍िधा
कुछ सैलरीड क्‍लास को हर महीने एक लाख रुपये तक का हाउस रेंट अलाउंस (HRA) म‍िलता है. ऐसे मामलों में ओल्‍ड टैक्‍स र‍िजीम के तहत रिटर्न दाखिल करना ज्‍यादा समझदारी वाला होता है. न‍ियमानुसार राजधानी द‍िल्‍ली में कर्मचारी को बेस‍िक सैलरी का 50 प्रत‍िशत तक एचआरए म‍िल सकता है. उदाहरण के ल‍िए यद‍ि आपकी बेस‍िक सैलरी 50000 रुपये है तो आपको 25000 रुपये तक का एचआरए म‍िल सकता है. इसे आप क्‍लेम करके इनकम टैक्‍स के तहत छूट प्राप्‍त कर सकते हैं.

हायर टैक्‍स ब्रेक‍िट में हैं तो...
जब आपकी सालाना आमदनी 24 लाख रुपये से ज्‍यादा होती है और आप 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो ओल्‍ड टैक्स र‍िजीम में भी यही टैक्स रेट है. जैसे-जैसे इनकम बढ़ती है, सेव‍िंग का अंतर कम होता जाता है. इसलिए आपके लिए न्‍यू टैक्स र‍िजीम के तहत रिटर्न दाखिल करना ज्‍यादा फायदेमंद नहीं हो सकता है.

यद‍ि आप अभी भी इस बात को लेकर उलझन में हैं कि आपके लिए कौन सी र‍िजीम स‍िलेक्‍ट करना सही रहेगा तो आपको यही सलाह दी जाती है कि आप इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर दिए गए इनकम टैक्स कैलकुलेटर को यूज करके दोनों र‍िजीम के तहत टैक्स की कैलकुलेशन दिखाता है. उसी के अनुसार आप टैक्‍स र‍िजीम स‍िलेक्‍ट कर सकते हैं.

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