PPF Interest Rate: पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की वित्त मंत्रालय की तरफ से हर तिमाही समीक्षा की जाती है. अभी इस पर 7.1% और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2% का ब्याज दिया जाता है.
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Sukanya Samriddhi Account: अगर आप परिवार और बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर पीपीएफ (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में निवेश करते हैं तो यह खबर आपके लिए है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को पांच साल बाद पहली बार नीतिगत दर रेपो रेट में कटौती की है. इसके बाद सरकार अगले वित्तीय वर्ष में स्मॉल सेविंग स्कीम जैसे पीपीएफ (PPF) और सुकन्या समृद्धि पर ब्याज दर में कटौती कर सकती है. सरकार की तरफ से हर तिमाही छोटी बचत योजनाओं के लिए ब्याज दर की समीक्षा की जाती है.
अप्रैल-जून तिमाही के लिए 31 मार्च को होगी समीक्षा
अप्रैल-जून तिमाही के लिए अगली समीक्षा 31 मार्च को होगी. ऐसे में आरबीआई के फैसले का असर इन बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज पर पड़ सकता है. हालांकि, वित्त मंत्रालय तुरंत ब्याज दर में किसी प्रकार की कटौती करने से बच सकता है क्योंकि नई ब्याज दर का असर आने वाले महीनों में ही दिखेगा. इसके अलावा, बैंकों के लिए वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में ज्यादा जमा राशि जुटाना आम बात है. एक सरकारी सूत्र के अनुसार 'यह सेविंग स्कीम में पैसा निवेश करने का सबसे अच्छा समय है.
कम हो सकता है छोटी बचत योजना पर ब्याज
जानकारों का कहना है कि अगले साल किसी भी समय वित्त मंत्रालय की तरफ से छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर को कम किया जा सकता है. जानकारों का कहना है कि PPF जैसी सेविंग स्कीम अभी भी आकर्षक बनी रहेंगी क्योंकि इनमें टैक्स बेनिफिट और कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. अगले वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम से कुल 3.4 लाख करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान लगाया है, जबकि इस साल का संशोधित अनुमान 4.1 लाख करोड़ रुपये था.
PPF पर 7.1% और सुकन्या समृद्धि पर 8.2% का ब्याज
इसके अलावा, सरकार महिला सम्मान योजना के तहत 20,000 करोड़ की वापसी का भी बजट बना रही है, क्योंकि यह योजना मार्च में पूरी हो रही है. अभी पीपीएफ (PPF) के तहत 7.1% और सुकन्या समृद्धि योजना के तहत निवेशकों को 8.2% सालाना ब्याज दिया जाता है. आने वाले महीनों में सरकार इन दरों में कटौती कर सकती है, इसलिए निवेशकों के लिए अभी पैसा लगाना फायदेमंद हो सकता है. इन योजनाओं में निवेश करने पर आयकर की धारा 80सी के तहत छूट का भी फायदा मिलता है.