Budget 2025 News: आम बजट 2025 में मोदी सरकार ने गिग वर्कर्स (Gig Workers) के लिए बड़ी घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार एक करोड़ गिग वर्कर्स को पहचान पत्र प्रदान करेगी और उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर करेगी.
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Budget 2025 News: आम बजट 2025 में मोदी सरकार ने गिग वर्कर्स (Gig Workers) के लिए बड़ी घोषणा की है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार एक करोड़ गिग वर्कर्स को पहचान पत्र प्रदान करेगी और उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर करेगी. इस योजना का उद्देश्य शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक सहायता को सुनिश्चित करना है. इसका सीधा फायदा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों.. अमेजन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो, स्विगी जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले डिलीवरी बॉय और ओला-उबर के ड्राइवरों को मिलेगा.
पहली बार गिग वर्कर्स को पहचान
यह पहली बार है जब केंद्र सरकार ने गिग वर्कर्स के लिए इतनी बड़ी पहल की है. वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि इन श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिया जाएगा और उन्हें पहचान पत्र भी जारी किया जाएगा. सरकार स्ट्रीट वेंडर्स और शहरी श्रमिकों के जीवन में सुधार लाने के लिए निवेश करेगी.
गिग वर्कर्स को क्या-क्या फायदे मिलेंगे?
सीतारमण ने बताया कि गिग वर्कर्स 'न्यू एज' सेवा अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं. उनकी सुरक्षा और भलाई को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ई-श्रम पोर्टल पर उनका पंजीकरण करने और उन्हें पहचान पत्र देने का निर्णय लिया है. इसके अलावा गिग वर्कर्स को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी. जिससे लगभग 1 करोड़ श्रमिकों को सीधा लाभ मिलेगा.
गिग वर्कर्स के लिए नई सुविधाएं
गिग वर्कर्स में वे लोग शामिल होते हैं जो स्वतंत्र रूप से या ठेके पर काम करते हैं. इनमें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले लोग.. डिलीवरी सेवाएं, टैक्सी सेवाएं और अन्य कई प्रकार के सेवा प्रदाता शामिल हैं. भारत में इस क्षेत्र में श्रमिकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अब बजट 2025 में इस वर्ग के श्रमिकों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है.
ओला-उबर के ड्राइवरों को बड़ा फायदा
गिग वर्कर्स में सबसे बड़ी संख्या उन लोगों की है जो ओला-उबर जैसी कंपनियों में ड्राइवर के रूप में काम करते हैं. इसके अलावा ऑनलाइन फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए काम करने वाले डिलीवरी पार्टनर भी बड़ी संख्या में हैं. इन वर्कर्स के लिए नई योजनाएं उनके जीवन स्तर को सुधारने में मदद करेंगी.
रेहड़ी-पटरी वालों को भी मिलेगा लाभ
अमेरिका की तर्ज पर अब भारत में भी ऐसे श्रमिकों को एक्सीडेंटल बीमा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिलेगा. श्रम मंत्रालय ने इसके लिए एक प्रस्ताव तैयार किया था. जिसे अब वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है. इस योजना के लागू होने के बाद इन श्रमिकों को न केवल सुरक्षा मिलेगी बल्कि उनके लिए कार्यस्थल पर बेहतर सुविधाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी.
सरकार की आगे की योजना
सरकार आने वाले दिनों में 10 करोड़ गिग वर्कर्स का पंजीकरण करने की योजना बना रही है. खासकर ओला, उबर, अमेजन, फ्लिपकार्ट और जोमैटो जैसी कंपनियों में पार्ट-टाइम काम करने वाले लोगों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा. सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि यदि कोई कर्मचारी एक निश्चित घंटे (जैसे 90, 120, या 160 घंटे) तक काम करता है.. तो उसे ईएसआई और एक्सीडेंटल बीमा जैसी सुविधाएं मिलें. इस योजना से गिग वर्कर्स का भविष्य और अधिक सुरक्षित हो जाएगा.
(एजेंसी इनपुट के साथ)