Tax Cut News: बजट में नई इनकम टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स छूट को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं, अगर सैलरीड पर्सन को मिलने वाली 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन छूट को मिला दिया जाए तो अब 12.75 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
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Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मिडिल क्लास को राहत देने के लिए टैक्स में कटौती के पक्ष में थे, लेकिन अधिकारियों को मनाने में थोड़ा समय लगा.
न्यूज एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हमने मिडिल क्लास की आवाज सुनी है. ईमानदार टैक्सपेयर यह शिकायत कर रहे थे कि उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो पा रही हैं, इसलिए सरकार ने उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया.
उन्होंने आगे कहा कि ईमानदार और गौरवान्वित टैक्सपेयर चाहते थे कि सरकार मंहगाई जैसी चुनौतियों से राहत देने के लिए और अधिक प्रयास करे. प्रधानमंत्री ने तुरंत टैक्स में राहत देने के तरीकों पर विचार करने का काम मुझे सौंपा.
अधिकारियों को मनाने में लगा समय
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि जब टैक्स में छूट देने की बात आई तो पीएम मोदी इस पर तुरंत सहमत हो गए. लेकिन वित्त मंत्रालय और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अधिकारियों को इसके लिए राजी करने में थोड़ा समय लगा. क्योंकि इन अधिकारियों को ही जन कल्याण और अन्य योजनाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए राजस्व संग्रह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है.
सीतारमण ने शनिवार को अपना आठवां बजट पेश करते हुए व्यक्तिगत आयकर सीमा में वृद्धि की घोषणा की. अब करदाताओं को नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा जबकि पहले यह सीमा सात लाख रुपये थी. छूट सीमा में पांच लाख रुपये की बढ़ोतरी अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि है और यह 2005 और 2023 के बीच दी गई सभी कर राहतों के बराबर है.
वित्त मंत्री ने अब्राहम लिंकन को किया कोट
सीतारमण ने कहा, "मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ने इसे सार रूप में बयां कर दिया. उन्होंने कहा कि यह लोगों का बजट है, यह वह बजट है जिसे लोग चाहते थे.’’ इस बजट के चरित्र को अपने शब्दों में बयां करने के लिए कहे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा, "जैसा कि अब्राहम लिंकन के शब्दों में लोकतंत्र के बारे में कहा जाता है, यह ‘लोगों के द्वारा, लोगों के लिए, लोगों का’ बजट है."
सीतारमण ने कहा कि नई दरें मध्यम वर्ग के करों में काफी कमी लाएंगी और उनके हाथों में अधिक पैसा बचेगा जिससे घरेलू खपत, बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने इस बड़ी घोषणा के पीछे की सोच को समझाते हुए कहा कि कर कटौती पर कुछ समय से काम चल रहा था. प्रत्यक्ष कर को सरल और अनुपालन में आसान बनाने की दिशा में काम जुलाई, 2024 के बजट में शुरू हो गया था. अब एक नया कानून तैयार है, जो कानून की भाषा को आसान बनाएगा, अनुपालन बोझ कम करेगा और उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल होगा.
(इनपुट- भाषा)