UPI भुगतान का एक तेज और सुरक्षित तरीका है, प्राप्तकर्ता बैंक में सर्वर आउटेज के बाद इसे प्रोसेस होने में कुछ समय लग सकता है. किसी भी अन्य सॉफ्टवेयर की तरह, UPI सिस्टम में डाउनटाइम या तकनीकी समस्याएं हो सकती हैं. यदि तकनीकी रखरखाव बिना किसी चेतावनी के या व्यस्त खरीदारी घंटों के दौरान किया जाता है तो ऑनलाइन ग्राहक को परेशानी हो सकती है.
Trending Photos
UPI Payment: वर्तमान दौर में यूपीआई का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है. यूपीआई के जरिए लोग आसानी से भुगतान कर सकते हैं. इसके लिए लोगों को नकद रखने की भी जरूरत नहीं है. वहीं लोगों को कोई कार्ड भी अपने साथ रखने की जरूरत है. हालांकि इसके बावजूद यूपीआई से पेमेंट करते वक्त लोगों को काफी सावधान रहना चाहिए और दो बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकी कोई दिक्कत ना हो. आइए जानते हैं इसके बारे में...
ऑनलाइन फ्रॉड
जैसे-जैसे इंटरनेट की पहुंच लोगों तक पहुंच रही है, वैसे-वैसे ऑनलाइन फ्रॉड भी लोगों के बीच बढ़ता जा रहा है. ऑनलाइन फ्रॉड के कारण ठग आर्थिक नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. साइबर अपराध बढ़ रहा है और ठगी के लिए लोग पारंपरिक भुगतानों की तुलना में ऑनलाइन भुगतान को प्राथमिकता दे रहे हैं. लोगों का ऑनलाइन फ्रॉड के तहत बैंक अकाउंट भी पूरा खाली कर दिया जाता है.
अधिक से अधिक लोग आइडेंटिटि की चोरी, फिशिंग घोटाले और डेटाबेस उल्लंघनों का शिकार हो रहे हैं. हालांकि इन खतरों से बचने के लिए सिक्योर सॉफ्टवेयर पर भी काफी खर्च किया जाता है. ऐसे में ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए कभी भी अपना यूपीआई पिन किसी के साथ साझा न करें, इसके अलावा किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें. किसी अनजान के कहने पर कोई संदिग्ध लेनदेन ना करें.
स्मार्टफोन पर निर्भरता
यूपीआई लेनदेन को पूरा करने के लिए, उपयोगकर्ता के पास स्मार्टफोन और इंटरनेट दोनों तक पहुंच होनी चाहिए. यह उन लोगों के लिए समस्याग्रस्त हो सकता है जिनके पास स्मार्टफोन या इंटरनेट तक पहुंच नहीं है. इसके अलावा, यदि ग्राहक अपना फोन खो देते हैं या फोन क्षतिग्रस्त हो जाता है तो उन्हें अपने यूपीआई खातों का उपयोग करने और लेनदेन पूरा करने में समस्याओं का अनुभव हो सकता है. ऐसे में इससे स्मार्टफोन पर निर्भरता भी बढ़ जाती है.