दिल्ली की सत्ता में बीजेपी के लिए 27 साल का वनवास खत्म हो गया है. अब दिल्ली की गद्दी पर बीजेपी की सरकार हैं और रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री हैं. रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है.
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Delhi New CM Rekha Gupta Salary: दिल्ली की सत्ता में बीजेपी के लिए 27 साल का वनवास खत्म हो गया है. अब दिल्ली की गद्दी पर बीजेपी की सरकार हैं और रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री हैं. रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. रामलीला मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने दिल्ली के सीएम पद की शपथ ली. आइए जानते हैं कि दिल्ली की मुख्यमंत्री बनते ही रेखा गुप्ता क्या सैलरी मिलेगी और बतौर मुख्यमंत्री उन्हें क्या-क्या सुविधाएं मिलेगी ? इतना ही नहीं जिस परिवार का राजनीति से कोई वास्ता नहीं था, उस परिवार की बेटी कैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की कुर्सी तक पहुंची ?
दिल्ली के मुख्यमंत्री की सैलरी
दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर रेखा गुप्ता को हर महीने 1.7 लाख रुपये सैलरी मिलेगी. दिल्ली विधानसभा की वेबसाइट के अनुसार 60,000 रुपये वेतन के अलावा 30,000 रुपये कांस्टीट्यूएंसी अलाउंस, 25,000 रुपये सेक्रेटेरियल असिस्टेंटस अलाउंस और 10,000 रुपये का सत्कार भत्ता उन्हें मिलेगा. बतौर सीएम उन्हें हर दिन के लिए 1500 रुपये प्रतिदिन दैनिक भत्ता भी मिलेगा, यानी सब मिलाकर उनकी सैलरी 1.7 लाख रुपये होगी.
मुख्यमंत्री को कौन-कौन से सुविधाएं
सैलरी के अलावा मुख्यमंत्री के तौर पर रेखा गुप्ता को 1 लाख रुपये वन टाइम अलाउंस भी मिलेगा. इसके अलावा उन्हें 12 लाख रुपये तक का कन्वेंस एडवांस भी मिलेगा. रहने के लिए उन्हें सारी सुख-सुविधाओं से लैस सीएम आवास मिलेगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री को 1 लाख रुपये तक का ट्रैवल अलाउंस, बिजली रिम्बर्समेंट, टेलीफोन, स्टाफ, सरकारी कार, सिक्योरिटी जैसी तमाम सुविधाएं मिलेगी.
कौन हैं रेखा गुप्ता के पति और क्या करते हैं बच्चे
दिल्ली की नई सीएम रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता पेशे से स्पेयर पार्ट्स के कारोबारी हैं. बिजनेस और कारोबार से जुड़े मनीष का राजनीति से कोई वास्ता नहीं है, लेकिन वो हमेशा अपनी पत्नी का सहयोग करते रहे. उनकी बेटी पिता की तरह व्यवसाय में अग्रसर है. जबकि उनका बेटा अभी पढ़ाई कर रहा है.
रेखा गुप्ता के दादा चलाते थे दुकान
रेखा गुप्ता मूलरूप से हरियाणा के जींद गांव से आती हैं. उनके परदादा मनीराम जिंदल और दादा गंगाराम जिंदल गांव में दुकान चलाते थे. जींद के नंदगढ़ से ताल्लुक रखने वाले जिंदल परिवार आढ़त का व्यवसाय करते थे. बाद में रेखा के पिता जयभगवान 1972-73 में बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर बने और इसके बाद वो दिल्ली आ गए.