Ujjivan Small Finance Bank: नियमों का पालन नहीं करने पर उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक के अलावा नैनीताल बैंक पर भी पेनाल्टी लगाई गई है. केंद्रीय बैंक के निमयों का पालन करने में एनबीएफसी श्रीराम फाइनेंस की तरफ से भी कोताही बरती गई.
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Penalty on Nainital Bank: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) नियमों का उल्लंघन करने वाले बैंकों के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठा रहा है. एक दिन पहले न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (NICB) पर छह महीने के लिए बैन लगाने के बाद अब आरबीआई (RBI) ने दो बैंकों पर पेनाल्टी लगाई है. रिजर्व बैंक की तरफ से नियमों का उल्लंघन करने पर नैनीताल बैंक (Nainital Bank) और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक (Ujjivan Small Finance Bank) पर कुल 68.1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
नैनीताल बैंक पर 61.40 लाख का जुर्माना
आरबीआई की तरफ से जारी एक बयान में बताया गया कि लोन पर ब्याज दर और बैंकों में कस्टमर सर्विस पर कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए नैनीताल बैंक लिमिटेड पर 61.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा आरबीआई की तरफ से जारी कुछ नियमों का पालन नहीं करने के लिए उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक पर 6.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. इससे पहले सेंट्रल बैंक एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक पर पेनाल्टी लगा चुका है.
श्रीराम फाइनेंस पर 5.80 लाख का जुर्माना
आरबीआई की तरफ से एनबीएफसी श्रीराम फाइनेंस पर भी 5.80 लाख रुपये का जुर्माना ठोका गया है. श्रीराम फाइनेंस पर केवाईसी से जुड़े जरूरी प्रोसेस और क्रेडिट जानकारी देने के नियमों का ठीक से पालन नहीं करने के कारण यह जुर्माना लगाया गया है. इससे पहले गुरुवार को आरबीआई ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कामकाज पर बैन लगा दिया. बैंक पर बैन की खबर लगने के बाद ब्रांच के बाहर खाते से पैसे निकालने वालों की लंबी लाइन लग गई.
पैसा निकालने पर पाबंदी
आरबीआई के बैन के अनुसार बैंक के अकाउंट होल्डर अपने खाते से पैसा नहीं निकाल सकेंगे. बताया गया कि यह बैन अगले छह महीने के लिए लागू रहेगा. आरबीआई की तरफ से कहा गया, ये रोक बैंक की निगरानी और उसकी नकदी की कमी को लेकर चिंताओं के चलते लगाई गई है. बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए आदेश दिया गया है कि जमाकर्ता के सेविंग अकाउंट या करंट अकाउंट या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे.'
ग्राहकों पर क्या होगा असर?
बैंक के नियमों का पालन नहीं करने पर आरबीआई की तरफ से समय-समय पर अलग-अलग बैंकों के खिलाफ जुर्माना लगाया जाता रहता है. आरबीआई की तरफ से लगाए जाने वाले जुर्माने का ग्राहकों पर कोई सीधा असर नहीं होता. ग्राहकों का बैंक के साथ लेनदेन पहले की ही तरह चलता रहता है. इस पेनाल्टी का ग्राहकों से किसी प्रकार का संबंध नहीं होता.