अन‍िल अंबानी के बाद SEBI का इन द‍िग्‍गजों पर चला हंटर, 63 करोड़ जुर्माना और शेयर बाजार से 2 साल का बैन
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अन‍िल अंबानी के बाद SEBI का इन द‍िग्‍गजों पर चला हंटर, 63 करोड़ जुर्माना और शेयर बाजार से 2 साल का बैन

Penalty on Rana Sugars Promoters: सेबी ने राणा शुगर के प्रमोटर्स पर दो साल का बैन लगाने के साथ ही 63 करोड़ रुपये की पेनाल्‍टी भी लगाई है. इसके अलावा सेबी ने कंपनी के दूसरे अध‍िकार‍ियों के ख‍िलाफ भी कार्रवाई की है.

 

अन‍िल अंबानी के बाद SEBI का इन द‍िग्‍गजों पर चला हंटर, 63 करोड़ जुर्माना और शेयर बाजार से 2 साल का बैन

Rana Sugars Promoters: कुछ ही द‍िन हुए हैं जब सेबी ने स‍िक्‍योर‍िटीज मार्केट को लेकर अन‍िल अंबानी पर रोक लगाई थी. अब सेबी (SEBI) की तरफ से राणा शुगर्स, उसके प्रमोटर और अन्य संबंधित संस्थाओं समेत 14 यून‍िट को स‍िक्‍योर‍िटीज मार्केट से दो साल के ल‍िए बैन कर द‍ियाहै. फंड की हेरा-फेरी के आरोप में उन पर 63 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मार्केट रेग्‍युलेटर ने इंदर प्रताप सिंह राणा (प्रमोटर), रणजीत सिंह राणा (चेयरमैन), वीर प्रताप राणा (एमडी), गुरजीत सिंह राणा, करण प्रताप सिंह राणा, राजबंस कौर, प्रीत इंदर सिंह राणा और सुखजिंदर कौर (प्रमोटर) पर किसी भी ल‍िस्‍टेड कंपनी में डायरेक्‍टर लेवल या कोई अन्य मैनेजमेंट लेवल का पद लेने से भी दो साल के ल‍िए रोक लगाई है.

तीन करोड़ से लेकर 7 करोड़ तक की पेनाल्‍टी लगाई

सेबी ने राणा शुगर्स, उसके प्रमोटर, अधिकारियों और अन्य संबंधित पक्षों पर तीन करोड़ रुपये से लेकर 7 करोड़ रुपये तक की पेनाल्‍टी लगाई है. सेबी के मुख्य महाप्रबंधक जी. रमर ने अंतिम आदेश में कहा, ‘मुझे लगता है कि नोटिस प्राप्तकर्ताओं (संख्या 1 से नौ), जो राणा शुगर्स ल‍िम‍िटेड के प्रमोटर हैं और आरएसएल से इस तरह के फंड के हेरफेर लाभार्थी हैं, उन्होंने पीएफयूटीपी (धोखाधड़ी व अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध) नियमों का उल्लंघन किया है.

नियमों का उल्‍लंघन करने वालों में सीएफओ भी शाम‍िल
आदेश के मुताबिक, पीएफयूटीपी नियमों का उल्लंघन करने वालों में मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) मनोज गुप्ता भी शामिल हैं. वह आरएसएल के हेरफेर किए गए वित्तीय विवरणों पर हस्ताक्षर और उसे प्रमाणित करते थे. जांच से सामने आया कि राणा शुगर्स लिमिटेड वित्त वर्ष 2016-17 में लक्ष्मीजी शुगर्स मिल्स कंपनी का संबद्ध पक्ष के रूप में खुलासा करने में विफल रही.

इसके अलावा, कंपनी संबंध‍ित पक्ष के रूप में एफटीपीएल, सीएपीएल, जेएबीपीएल, आरजेपीएल और आरजीएसपीएल का खुलासा करने में भी विफल रही. सेबी के अनुसार इंद्र प्रताप, रणजीत, वीर प्रताप सिंह राणा, राणा शुगर्स के मामलों के प्रभारी और जिम्मेदार व्यक्ति थे. लिहाजा राणा शुगर्स, इंद्र प्रताप, रणजीत सिंह और वीर प्रताप सिंह राणा ने एलओडीआर नियमों का उल्लंघन किया है. (इनपुट भाषा)

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