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MP Temple: देश का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के रतलाम (Ratlam) जिले में एक ऐसा मंदिर है, जहां पर लोग घड़ियां (Watch) चढ़ाते हैं. इस मंदिर की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. स्थानीय लोगों के मुताबिक सगस बावजी का मंदिर (Sagas Bavji Temple) सदियों पुराना है. कहा जाता है कि यहां दर्शन कर लेने से किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सकता है. वहीं अगर किसी का खराब समय आ जाए तो यहां मन्नत लेने से वो ठीक हो जाता है. यहां की सबसे खास बात तो ये है कि मंदिर में न भगवान की मूर्ति है, न पुजारी फिर भी यहां हजारों लोगों की आस्था बनी हुई है.
सगस बाव जी की मान्यता
सगस बावजी को शास्त्रों में यक्ष कहा गया है. बताया जाता है कि यहां इस मंदिर में यक्ष साकार रूप में दिखाई देते हैं. यहां के श्रद्धालुओं का दावा है कि बावजी ने कई लोगों को दर्शन दिए हैं. यहां तक कि रास्ता भटक गए लोगों को भी वह साथ ले जाकर रास्ता दिखाते हैं और उन्हें सुरक्षित घर तक छोड़ कर आते हैं. कई लोगों ने यहां पर चमत्कार होते देखा है. बताया जाता है कि जब मंदिर के आस-पास का इलाका फोरलेन नहीं था तब ये मंदिर सड़क किनारे था, जब फोरलेन का काम शुरू किया गया तब इस मंदिर को हटाने की भी कोशिश हुई. लोगों का कहना है कि इस मंदिर को हटाने के लिए जब जेसीबी या कोई और मशीन आती तो वो खराब हो जाती या उसमें डीजल खत्म हो जाता. ऐसी कई मान्यताओं के बीच यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है.
यहां सबकुछ अलग और अनूठा
लोग यहां बिगड़े कामों, संतान प्राप्ति, विवाह आदि कई परेशानियों को दूर करने आते है. दावा किया जाता है कि जो भी मनोकामनाएं यहां मांगी जाती है वह हर हाल में पूरी होती है. लोग यहां परिवार के साथ दर्शन के लिए पहुंचते है. बताया जाता है कि अनगिनत लोग यहां आकर अपनी मन्नत मांग चुके हैं और उसके पूरे होने के बाद श्रद्धालु यहां घड़ी चढ़ा चुके हैं. ये पूरा मंदिर घड़ियों से भरा पड़ा है. ऐसे में यहां हर साल यहां चढ़ाई गई घड़ियां नदी में बहा दी जाती हैं. स्थानीय श्रद्धालुओं के मुताबिक पहले सगस बावजी यहां पर बने एक चबूतरे पर बैठते थे. लोगों ने अब यहां एक मंदिर बनवा दिया है.
यहां ताला नहीं लगता
इस मंदिर में ताला भी नहीं लगाया जाता है. दरअसल यहां के बारे में एक किवदंती यह भी है कि एक बार किसी शख्स ने पांच घड़ियां चुराईं तो वह अंधा हो गया. उसने लोगों को चोरी की बात लोगों को बताई. उसने बताया कि अंधा होने के बाद जब उसने वहां दस घड़ियां चढ़ाईं तब जाकर उसे उसकी आंखों की रोशनी वापस मिल गई और उसे दिखाई देने लगा. आज यहां से गुजरने वाले बहुत से लोग रुककर इस खास मंदिर के दर्शन करते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)