2025 का पहला महीना कैसे रहा ऑटो इंडस्ट्री के लिए, देखें किस कंपनी ने कितनी गाड़ियां बेचीं!
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2025 का पहला महीना कैसे रहा ऑटो इंडस्ट्री के लिए, देखें किस कंपनी ने कितनी गाड़ियां बेचीं!

Indian Auto Sales Report: 2025 के पहले महीने में ऑटो इंडस्ट्री का परफॉर्मेंस काफी दिलचस्प रहा. कई कंपनियों की बिक्री के आंकड़ों में काफी अच्छा उछाल देखने को मिला, जबकि कुछ कंपनियों के लिए माहौल थोड़ा टेंशन वाला बना रहा. यहां हम बात कर रहे हैं. उन गाड़ियों के बारे में जिनकी जनवरी 2025 की बिक्री में काफी अच्छा मार्केट देखने को मिला है. 

2025 का पहला महीना कैसे रहा ऑटो इंडस्ट्री के लिए, देखें किस कंपनी ने कितनी गाड़ियां बेचीं!

Indian Auto Sales Report: ऑटोमोबाइल कंपनियों ने 2025 के पहले महीने में अपनी गाड़ियों की ब्रिकी का आंकड़ा जारी कर दिया है. इस लिस्ट में महिंद्रा की जनवरी 2025 में गाड़ियों की ब्रिकी में सालाना 16 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है.  वहीं मारुति सुजुकी एक बार फिर लोगों का भरोसा जीतने में कामयाब हुई है. उनके सालाना आधार पर भी गाड़ियों की बिक्री में तेजी देखने को मिली है. 

टाटा से मारुति तक 
सबसे पहले बात Tata Motors की, टाटा मोटर्स ने जनवरी 2025 में 45,000 से ज्यादा गाड़ियों की बिक्री की, जो कि पिछले साल की तुलना में लगभग 10 फीसद ज्यादा है.  
इसके अलावा Maruti Suzuki ने जनवरी में लगभग 1.5 लाख गाड़ियां बेचीं, जिसमें उनके सबसे लोकप्रिय मॉडल जैसे Alto, Swift और Dzire शामिल थे. बात अगर Hyundai की कि जाए तो हुंडई ने भी अपने बिक्री आंकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया है. रिकॉर्ड के मुताबिक Hyundai की 50,000 से ज्यादा गाड़ियां बिकीं, खासकर उनके i20 और Creta मॉडल्स को अच्छा रिस्पांस मिला.   
   
महिंद्रा ने भी पकड़ा मार्केट 
Mahindra & Mahindra की SUVs और पिकअप ट्रकों में भारी मांग देखने को मिली. जनवरी में उन्होंने 30,000 से अधिक गाड़ियां बेचीं, जिसमें XUV700 और Thar मॉडल्स ने अहम भूमिका निभाई. होंडा ने जनवरी में 10,000 से 15,000 गाड़ियों की बिक्री की, लेकिन कंपनी ने अपनी नई मॉडल रेंज को लेकर कुछ अच्छे संकेत दिए हैं. 
 
2025 में ऑटो इंडस्ट्री की अच्छी शुरुआत
आर्थिक स्थिति, नए मॉडल्स और बढ़ती उपभोक्ता मांग ने जनवरी 2025 में भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को काफी अच्छा बूम दिया है. हालांकि, ब्रिकी में कुछ चुनौतियाँ भी रही हैं जैसे कि इनपुट लागत में वृद्धि और कुछ सप्लाई चेन संबंधित परेशानियां. कोरोना के बाद से ऑटो इंडस्ट्री मार्केट में अपनी पकड़ बनाने के लिए लगातार मेहनत कर रही है. पेट्रोल-डीजल कारों की तुलना में इलेक्ट्रिक कारों ने ऑटो इंडस्ट्री को बूम करने में अहम योगदान निभाया है. 

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