इजरायली सेना ने 'गलती से' मारे इजरायली बंधक, एक पत्रकार की भी मौत
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इजरायली सेना ने 'गलती से' मारे इजरायली बंधक, एक पत्रकार की भी मौत

Israel-Hamas Conflict: गाजा में लगातार इजरायली हमले जारी हैं. ऐसे में खबर है कि इजरायली सेना ने हमास की कैद में 3 इजरायली बंधकों को गलती से मार दिया है. इजरायली हमले में एक फिलिस्तीनी की मौत हो गई है.

इजरायली सेना ने 'गलती से' मारे इजरायली बंधक, एक पत्रकार की भी मौत

Israel-Hamas Conflict: इजरायली सेना (IDF) ने गाजा में 'गलती से' तीन इजरायली बंधकों को मार डाला. जवानों ने गलत पहचान के कारण शुक्रवार को उत्तरी गाजा के शेजैया इलाके में तीन इजराइली बंधकों की हत्या कर दी. आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने शुक्रवार रात एक बयान में कहा कि घटना सुबह हुई और सेना इस दुखद घटना के लिए पूरी जिम्मेदारी लेती है, जो एक ऐसे क्षेत्र में हुई, जहां सैनिकों ने आत्मघाती हमलावरों सहित कई आतंकवादियों का सामना किया.

बंधकों की हुई पहचान
सैनिकों की तरफ से की गई गोलीबारी में मारे गए बंधकों की पहचान योहान हैम, समर फौद तलालका व अलोन शमरीज़ के रूप में की गई. हगारी ने कहा कि यह घटना गाजा के पड़ोस में हुई, जहां हाल के दिनों में सबसे भीषण लड़ाई हुई है. 

पत्रकार की मौत
उधर दक्षिणी गाजा के एक स्कूल पर शुक्रवार को इजराइल के हमले में टीवी नेटवर्क ‘अल जजीरा’ के एक फलस्तीनी कैमरामैन की मौत हो गई और गाजा में कार्यरत उसका मुख्य संवाददाता घायल हो गया. टीवी नेटवर्क ने यह जानकारी दी. नेटवर्क ने बताया कि कैमरामैन समीर अबू दक्का और संवाददाता वाएल दहदौह दक्षिणी शहर खान यूनिस के एक स्कूल में हमला होने के बाद वहां गए थे और जब वे स्कूल पहुंचे तो वहां इजराइली ड्रोन से एक और हमला किया गया, जिसमें अबू दक्का और दहदौह गंभीर रूप से घायल हो गए. अस्पताल में भर्ती दहदौह ने ‘एल जजीरा’ को बताया कि वह खून से लथपथ अवस्था में स्कूल से बाहर निकलने में सफल रहा, जहां कई एंबुलेंस कर्मी खड़े थे.

चीख रहा था पत्रकार
दहदौह ने कहा कि उन्होंने एंबुलेंस कर्मियों से अबू दक्का को बाहर लाने को कहा, लेकिन उन्होंने कहा कि इसमें बहुत जोखिम है और उन्होंने वादा किया कि उसके लिए एक और एंबुलेंस आएगी. दहदौह ने कहा, ‘‘वह चीख रहा था और मदद की गुहार लगा रहा था.’’ 

64 पत्रकारों की मौत
अल जजीरा ने बताया कि बाद में शाम को एक एंबुलेंस ने अबू दक्का को निकालने के लिए स्कूल पहुंचने की कोशिश की लेकिन ध्वस्त मकानों के मलबे के कारण सड़कें अवरुद्ध होने की वजह से उसे लौटना पड़ा. नेटवर्क ने बयान में कहा कि अबू दक्का का खून कई घंटे बहता रहा और शुक्रवार शाम को एक असैन्य सुरक्षा दल ने उन्हें मृत पाया. ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट’ के मुताबिक, सात अक्टूबर को हमास और इजराइल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से 64 पत्रकारों की मौत हो चुकी है जिनमें 57 फलस्तीनी, चार इजराइली और तीन लेबनानी पत्रकार शामिल हैं.

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