Uttarkhand Bypoll Result 2024: दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्ज़ा; मंगलौर में मुस्लिम उमीदवार ने दर्ज की जीत
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Uttarkhand Bypoll Result 2024: दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्ज़ा; मंगलौर में मुस्लिम उमीदवार ने दर्ज की जीत

Uttarkhand Bypoll Result 2024: बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत सात राज्यों में हुए उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को मतदान हुआ था. इसमें उत्तराखंड की भी दो सीटों पर वोटिंग हुई थी, इन दोनों सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि महीना भर पहले ही लोक सभा चुनावों में राज्य के 5 के 5 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी.  

कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन

हरिद्वार/बद्रीनाथ: लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बीजेपी अपनी हार को अभी भूल भी नहीं पाई थी कि उत्तरखंड के बद्रीनाथ विधानसभा जैसी धार्मिक नगर में भी भाजपा उप चुनाव हार गई है. बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत सात राज्यों में हुए उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को मतदान हुआ था. इसमें उत्तराखंड की भी दो सीटों पर वोटिंग हुई थी. 

उत्तराखंड की मंगलौर और बद्रीनाथ सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनावों में राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर ली है. बद्रीनाथ सीट पर कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने अपने नजदीकी हरीफ पूर्व मंत्री और विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजेंद्र सिंह भंडारी को 5,224 मतों से हरा दिया.  ख़ास बात यह है कि मंगलौर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने बाजी मारी है. यहाँ काजी निजामुद्दीन को कुल 31,727 वोट मिले, जबकि भाजपा के करतार सिंह भड़ाना को 31,305 वोट मिले हैं. वहीँ बसपा के उम्मीदवार उबेदुर्रहमान 19,559 वोटों के साथ तीसरे मुकाम पर रहे.  मंगलौर विधानसभा सीट कांग्रेस का अभेद किला माना जाता है, जिसे भेदने में भाजपा नाकाम साबित हुई. 

कहा जा रहा है कि जब से राज्य का निर्माण हुआ है, आजतक भाजपा कोई भी उप चुनाव नहीं हारी थी. लेकिन इस बार ये मिथक टूट गया है. यह चुनाव परिणाम जहाँ कांग्रेस के लिए राहत और सुकून देने वाला है, वहीँ भाजपा के लिए बेचैन करने वाला है, क्यूंकि उत्तराखंड विधानसभा उपचुनाव में दोनों सीटों पर खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली थी और पार्टी की जीत का दावा किया था. यहाँ पांचों लोकसभा सीटों के नवनिर्वाचित सांसदों ने भी चुनाव प्रचार किया था. इसके बावजूद भाजपा को यहां हार का सामना करना पड़ा है. 

दूसरी ख़ास बात ये है कि उत्तरखंड में सरकार ने लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी ठीक चुनाव के पहले सामान नागरिक सहिंता (UCC) लागू करने का भी शिगूफा इसलिए छोड़ा था कि चुनाव में वोटों का धुर्विकरण हो और भाजपा को फायदा मिले. अभी दो दिन पहले भी UCC समिति की बैठक हुई थी, जिसमे इसे अगले दो माह बाद अक्टूबर से राज्य में सामान नागरिक सहिंता लागू करने की बात कही गई थी. इसके पहले उत्तरखंड में मदरसों और कथित तौर पर अविध मजारों को तोड़ा गया था. हल्द्वानी जिले में बड़े पैमाने पर मुस्लिम बस्तियों को तबाह किया गया. वहां बुलडोज़र चलाया गया.. लेकिन विधानसभा उप चुनाव परिणाम से जाहिर होता है कि वोटर्स इन मुद्दों पर बहुत ज्यादा लामबंद नहीं हो सके और वह भाजपा की सियासत को समझने लगे हैं. 

विधानसभा उपचुनाव में दोनों सीटों पर जीत के बाद कांग्रेस कैडर में जश्न का माहौल है. पार्टी कार्यकर्ता ढोल नगाड़ों की थाप पर एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मना रहे हैं. वहीँ, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हार को स्वीकार करते हुए कहा कि जनता के दिए जनादेश को भाजपा स्वीकार करती है. हार के सभी कारणों की भी समीक्षा होगी. 

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