Agra News: ताजमहल को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. उर्स से पहले हिंदूवादी संगठन जमकर बवाल काट रहे हैं और ताजमहल को तेजोमहल बता रहे हैं. 26,27 और 28 तारीख को ताजमहल के अंदर उर्स मनाने की तैयारी चल रही है.
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Agra News: ताजमहल को दुनिया भर के लोग मोहब्बत की निशानी मानते है, लेकिन पिछले कुछ सालों से ताजमहल विवादों के साए में है. कुछ हिंदू वादी संगठनों द्वारा ताजमहल के अंदर शिव मंदिर होने का दावा किया जाता रहा है. अब खबर है कि ताजमल में मुगल सम्राट साहजहां के सालाना उर्स के खिलाफ हिंदूवादी संगठन ने विरोध प्रदर्शन किया है.
ताजा मामला शाहजहां के उर्स मनाने से जुड़ा है. 26,27 और 28 तारीख को ताजमहल के अंदर उर्स मनाने की तैयारी चल रही है. इस आयोजन के खिलाफ हिंदूवादी संगठन ने पुरातात्विक विभाग के गेट के सामने विरोध-प्रदर्शन किया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कई हिंदूवादी संगठन द्वारा ताजमहल को तेजोमहालय बताया जाता है. ताजमहल के तहखाने के अंदर प्रचिन शिव मंदिर होने का दवा किया जाता है. मुगल सम्राट शाहजहां के पुण्य तिथि पर हर साल ताजमहल परिसर में उर्स मनाया जाता है. उर्स के वक़्त शाहजहां और उनकी बेगम मुम्ताज़ की कब्र की जियारत के लिए लोगों को नजदीक जाने की इजाज़त होती है. पहली बार शाहजहां का उर्स साल 2023 में मनाया गया था. इसी तर्ज पर हर साल उनकी पुण्य तिथि पर उर्स का आयोजन किया जाता है.
पिछले साल उर्स के मौके पर हिंदू संगठनों ने किया था हंगामा
पिछले साल भी उर्स के मौके पर हिंदूवादी संगठनों ने जमकर बवाल काटा था. उस विरोध-प्रद्रशन में अखिल भारत हिंदू महासभा से जुड़े लोगों ने ताजमहल के नजदीक पहुंच कर शिव भजन गाया था और भगवान शिव के तस्वीर पर जलाभिषेक किया था. गौरतलब है कि ताजमहल एएसआई प्रोटेक्टेट धरोहर है. यूपी सरकार द्वारा बनाए गए "ताज संरक्षण मिशन बोर्ड" द्वारा ताज महल की देख रेख की जाती है.
गंगा जल डालने की हुई थी कोशिश
साल 2024 में भी "अखिल भारतीय हिंदू महासभा" से जुड़े दो युवाओं ने ताजमहल में स्थित मकबरे पर गंगा जल डालने की कोशिश की. अभियुक्तों जरिए इस घटना का वीडियो भी बनाया गया था, हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने दोनो आरोपियों को गिरफ्तार कर ली थी.