New Parliament: नए संसद भवन को लेकर अपोजीशन नेताओं के हमले अभी खत्म नहीं हुआ है. टीएमसी और कांग्रेस सांसदों ने सोमालिया के पुराने संसद भवन की तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि हमारी नई संसद वहां की कॉपी है. इसके लिए उन्होंने आक्रिटेक्चर को जिम्मेदार ठहरा है. पढ़िए पूरी खबर
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New Parliament: नए संसद भवन को लेकर सिसायत थमने का नाम नहीं ले रही है. विपक्ष जब भी मौका देखता है तो केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरू कर देता है. अमेरिकी दौरे पर राहुल गांधी ने नई संसद का मुद्दा उठाया. इसके अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने भी सरकार को घेरा है. हालांकि उन्होंने टीएमसी सांसद के ज़रिए शेयर की गई तस्वीर पर अपना कमेंट किया है. इस ट्वीट में टीएमसी सांसद ने भारत की नई संसद के डिजाइन को कॉपी कहा है.
टीएमसी सांसद ने ट्वीट करते हुए कहा कहा,"सोमालिया के ज़रिए खारिज की जा चुकी पुरानी संसद नए भारत की प्रेरणा है. गुजरात से मोदी के पालतू वास्तुकार - जो हमेशा "प्रतिस्पर्धी बोली" के माध्यम से मोदी के मेगा कॉन्ट्रेक्ट्स हासिल करते हैं (अहमदाबाद, वाराणसी, दिल्ली की संसद + सेंट्रल विस्टा में) ने हमसे सोमालिया के डिजाइन की नकल करने के लिए ₹230 करोड़ की शुल्क लिया."
टीएमसी सांसद के ज़रिए किए गए इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता दिग्वियज सिंह ने लिखा,"जवाहर सरकार को पूरे नंबर. क्या आप इस पर यकीन कर सकते हैं कि सोमालिया के ज़रिए रिजेक्ट की गई संसद की बिल्डिंग हमारे प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा है. दिग्विजय आगे कहते हैं कि इस कॉपी कैट आर्किटेक्ट से 230 करोड़ रुपये की वसूली की जानी चाहिए."
Full marks to you @jawharsircar. Can you believe it!! Somalia’s rejected Parliament building is our @narendramodi ji’s inspiration!! @PMOIndia please recover ₹230 crores from your copy cat Architect. @BJP4India @INCIndia https://t.co/VlaqKqEmvB
— digvijaya singh (@digvijaya_28) May 31, 2023
इस चार मंजिला को नए जमाने के हिसाब से लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के साथ तैयार किया गया है. इसको बनाने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से चीजें मंगवाई गई हैं. त्रिभुजाकार नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. साथ ही लोकसभा में सेंगोल भी स्थापित किया गया. हालांकि 21 विपक्षी पार्टियों ने इस प्रोग्राम बहिष्कार किया था. उनका कहना था कि प्रधानमंत्री की बजाए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए. इसी के चलते कांग्रेस समेत 21 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन से दूरी बनाई रखी.
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