UP के मेरठ में मंदिर पर मुस्लिम समुदाय के कब्जे का दावा; गांव के प्रधान ने किया इंकार
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2572888

UP के मेरठ में मंदिर पर मुस्लिम समुदाय के कब्जे का दावा; गांव के प्रधान ने किया इंकार

Temple in Meerut: उत्तर प्रदेश के जिला मेरठ में हिंदू पक्ष ने इल्जाम लगाया है कि यहां मुसाफिरखाना इलाके में मंदिर निकला है. इस मंदिर पर मुस्लिम समुदाय का कब्जा था. हालांकि गांव के प्रधान का कहना है कि ये इल्जाम गलत है. मंदिर आजाद है. यहां किसी का आना जाना नहीं है.

UP के मेरठ में मंदिर पर मुस्लिम समुदाय के कब्जे का दावा; गांव के प्रधान ने किया इंकार

Temple in Meerut: उत्तर प्रदेश के जिला अमेठी में मंदिर मिलने की खबर है. खबर यह भी है कि इस पर अल्पसंख्यक बिरादरी के लोगों ने कब्जा किया हुआ था. यह मंदिर 120 साल पुराना बताया जाता है. हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थल शिव मंदिर है. इस मामले पर हिंदू पक्ष की तरफ से जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया गया है. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर इसकी जांच पड़ताल की है. जांच में मंदिर बना हुआ पाया गया. मंदिर काफी पुराना है इसलिए, जर्रजर है.

हिंदू पक्ष का इल्जाम
मंदिर मिलने का मामला अमेठी के मुसाफिरखाना इलाके में बसे गांव औरंगाबाद का है. यहीं पर मंदिर मिलने की खबर सामने आई है. हिंदू पक्ष के लोगों ने इल्जाम लगाया है कि इस मंदिर पर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने कब्जा किया हुआ है. इल्जाम यह भी है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने यहां पूजा करने पर भी पाबंदी लगा दी है. उन्होंने पुलिस से मांग की है कि मंदिर को आजाद कराया जाए.

क्या है मामला?
इंडिया टुडे ने लिखा है कि पुलिस अफसरों ने इलाके के लोगों से बात की. खबर है कि पुलिस ने मंदिर के पुजारी को ढूंढ लिया है और उससे बात कर रही है. गांव वालों का कहना है कि कई साल पहले जेठू राम नाम के दलित शख्स पर किसी जानवर को मारने का इल्जाम लगा. उन्होंने इसका प्रायश्चित करने के लिए पंडित शंभूनाथ तिवारी को मंदिर बनवाने के लिए पूरा खर्च दिया. पंडित ने मंदिर बनवाया और यहां पूजा की. फिर उनकी मौत हो गई.

यह भी पढ़ें: Budaun Jama Masjid विवाद केस में आज सुनवाई, कोर्ट इस बात का करेगा फैसला

मुस्लिम के हाथ बेचा घर
पंडित शंभूनाथ तिवारी की मौत के बाद उनके बेटों ने यहां काम काज संभाला. इसके बाद उनके चारों लड़के भी गांव छोड़कर चले गए. उन्होंने अपना मकान एक मुस्लिम शख्स मो. जमा के हाथों बेच दिया. इसके बाद यह मंदिर जर्जर होता गया और पूजापाठ भी बंद हो गई.

मंदिर पर नहीं हुआ कब्जा
गांव के प्रधान प्रतिनिधि आलम के मुताबिक मंदिर पर कोई कब्जा नहीं किया गया है. मंदिर जैसा था वैसा ही है. यहां कोई आता जाता नहीं. इलाके में माहौल ठीक है. इस मामले में एसडीएम प्रीति तिवारी का कहना है कि जांच तहसीलदार को सौंपी गई है. जब जांच रिपोर्ट आएगी उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल इलाके में शांति है.

Trending news