Jamia Milia Islamia News: जामिया मिलिया इस्लामिया में 15 दिसंबर, 2024 को 'जामिया प्रतिरोध दिवस' के आयोजन के बाद दो पीएचडी स्टूडेंट्स सहित 17 छात्रों को सस्पेंड किये जाने के खिलाफ बुधवार को स्टूडेंट्स यूनियन के तहत छात्रों ने जंतर-मंतर पर धरना देकर छात्रों के निलंबन को रद्द करने की मांग की है.
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Jamia Milia Islamia News: दिल्ली की सेंट्रल यूनिवर्सिटी जामिया मिलिया इस्लामिया के स्टूडेंट्स ने गुजिश्ता रोज़ कैम्पस में विरोध-प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए 17 छात्रों के निलंबन के खिलाफ बुधवार को यहां जंतर-मंतर पर धरना दिया. इस विरोध- प्रदर्शन में वामपंथी छात्र संगठनों - ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI), और ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) समेत कई दीगर तंजीमों के स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया. छात्रों ने 17 छात्रों के निलंबन को रद्द करने और प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करने की मांग की है.
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क्या है छात्रों की मांग ?
"असहमति जामिया की विरासत है" और "कैंपस लोकतंत्र को बहाल करें" जैसे नारे लिखे बैनर पकड़े हुए, प्रदर्शनकारी छात्र अनुशासनात्मक कार्रवाई वापस लेने, कैंपस में विरोध-प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करने वाले 2020 के कार्यालय ज्ञापन को निरस्त करने, भित्तिचित्रों और पोस्टरों के लिए 50,000 रुपये के जुर्माने को हटाने और छात्रों को प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना नहीं करने का भरोसा देने की मांग कर रहे थे.
कुलपति मज़हर आसिफ पर संगीन इल्जाम
गौरतलब है कि गुजिश्ता दिसंबर माह में कथित तौर पर गैर- कानूनी तौर पर विरोध-प्रदर्शन करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दो पीएचडी रिसर्च स्टूडेंट्स को निलंबित क्र दिया था, जिसके बाद इस विवाद ने तूल पकड़ लिया है. छात्र कार्यकर्ताओं की दलील है कि प्रशासन कैम्पस के अन्दर असहमति की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रहा है. कुछ छात्रों ने इल्ज़ाम लगाया है कि पुलिस ने उनके माता-पिता से राबता करने के बाद उन्हें चेतावनी दी थी कि अगर वे विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेना जारी रखते हैं, तो उनके बच्चों के खिलाफ मुकदमा किया जा सकता है. AISA के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रशासन ने रातों-रात 17 छात्रों को निलंबित कर दिया, जिसकी वजह से विभिन्न विभागों के उनके साथियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए बहिष्कार की घोषणा की है.
कुछ छात्रों का दावा है कि अक्टूबर 2024 में कुलपति मज़हर आसिफ के कार्यभार संभालने के बाद से इस तरह की कैंपस गतिविधियों पर पाबन्दी बढ़ गयी हैं. आइसा की सदस्य सोनाक्षी ने कहा, "2023 में हमने छात्रों के खिलाफ़ कोई कार्रवाई किए बिना प्रतिरोध दिवस मनाया था, लेकिन 2024 में कारण बताओ नोटिस भेजे गए और पूछताछ शुरू की गई. "
'जामिया प्रतिरोध दिवस' के आयोजन की होगी समीक्षा
इस बीच, 15 दिसंबर, 2024 को 'जामिया प्रतिरोध दिवस' के आयोजन में दो पीएचडी स्टूडेंट्स की भूमिका की समीक्षा के लिए 25 फरवरी को एक अनुशासन समिति की बैठक होने वाली है. यह प्रोग्राम नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ 2019 के विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत की याद में हर साल मनाया जाता है. कई छात्रों ने दावा किया कि उन्हें निलंबन नोटिस मिले हैं, जिसमें "बर्बरता, अनधिकृत विरोध और विश्वविद्यालय की बदनामी" में उनकी कथित संलिप्तता का ज़िक्र किया गया है.
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