Budaun Masjid Case Hearing: बदायूं शहर में मौजूद जामा मस्जिद शम्सी पर दावा किया गया है. दावा करने वाला हिंदू संगठन से ताल्लुक रखता है, जिसका कहना है कि पहले यहां शिव मंदिर हुआ करता था.
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Budaun Masjid Case Hearing: संभल में शाही जामा मस्जिद को लेकर एक तरफ विवाद हो रहा है, वहीं एक दूसरी मस्जिद पर भी दावा कर दिया गया है. बदायूं शहर में मौजूद जामा मस्जिद शम्सी का मामला कोर्च पहुंच गया है और इस मामले में आज सुनवाई होनी है.
स्थानीय अदालत मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद के इलाकाई प्रेसिडेंट मुकेश पटेल की दो साल पुरानी पिटीशन पर सुनवाई करेगी, जिसमें दावा किया गया है कि 800 साल पुरानी मस्जिद की तामीर शिव मंदिर को तोड़कर की गई थी, और इसलिए यह जगह हिंदुओं को सौंप देनी चाहिए.
8 अगस्त, 2022 को याचिका दायर करने वाले पटेल ने बदायूं में संवाददाताओं से कहा, "कुतुबुद्दीन ऐबक ने 12वीं शताब्दी में मंदिर को ध्वस्त कर दिया और वहां मस्जिद का निर्माण किया, मेरे पास सबूत हैं." मौलवी मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि शम्स उद-दीन इल्तुतमिश ने 1223 में मस्जिद का निर्माण कराया था, इसलिए इसका नाम शम्सी जामा मस्जिद पड़ा.
बदायूं मस्जिद के वकील असरार अहमद सिद्दीकी ने कहा, "वहां मंदिर होने का कोई सबूत नहीं है." देश में की मस्जिदों को लेकर विवाद चल रहा है. विभिन्न मस्जिदों और दरगाहों के सर्वेक्षण की मांग करते हुए कई अन्य अदालती मामले दायर किए गए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उन्हें नष्ट किए गए मंदिरों पर बनाया गया था, इस सूची में प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह, वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में शाही ईदगाह शामिल हैं।
उन्होंने कहा, "राजा एक सूफी थे और उन्होंने मस्जिद का निर्माण इसलिए कराया क्योंकि मुसलमानों के पास सामूहिक प्रार्थना के लिए कोई जगह नहीं थी. जो लोग इतिहास नहीं जानते, वे आसानी से देश की किसी भी मस्जिद पर अपना अधिकार जता सकते हैं, क्योंकि राजनीतिक माहौल उनके अनुकूल है. वे निश्चित रूप से भारत के दुश्मन हैं."
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को सड़क पर हुई झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई, जब अदालत द्वारा नियुक्त सर्वेक्षण दल जामा मस्जिद में इस दावे की पुष्टि करने पहुंचा कि मुगल बादशाह बाबर ने मस्जिद बनाने के लिए हरिहर मंदिर को ध्वस्त किया था. बदायूं मामले की सुनवाई ऐसे समय में शुरू होगी, जब सुप्रीम कोर्ट ने सर्वेक्षण का आदेश देने वाली संभल अदालत को कार्यवाही जारी रखने से रोक दिया है और मस्जिद समिति से सर्वेक्षण आदेश के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने को कहा है.