Haldwani Violence: उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा के बाद यहां के लोग सहमे हुए हैं. यहां से अब तक 300 परिवारों ने पलायन किया है. इलाके में अभी भी तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
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Haldwani Violence: हाल ही में उत्तराखंड के हलद्वानी में हिंसा हुई. हिंसा में 6 लोगों की मौत हो गई और 60 लोग जख्मी हो गए हैं. हिंसा होने के चार दिन बाद यहां से 300 से ज्यादा मुस्लिम परिवार बनभूलपुरा इलाके से पलायन कर गए हैं. हिंसा के बाद इलाके में कर्फ्यू लगाया गया था. कर्फ्यू की वजह से यहां गाड़ियां नहीं चल रही हैं. इसकी वजह से कई परिवारों को अपने सामान के साथ सड़कों पर चलते देखा गया. उस इलाके में पाबंदी लगाई है जहां 8 फरवरी को बनभूलपुरा में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान 'अवैध' मस्जिद और मदरसा गिराया गया.
300 परिवारों ने किया पलायन
इंडिया टुडे ने लिखा है कि इलाके से कई मुस्लिम परिवार पलायन कर रहे हैं. अब तक 300 परिवारों ने पलायन किया है. हिंसा के मद्देनजर पुलिस यहां तलाशी अभियान चला रही है. पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया है और कई लोग अभी भी रडार पर हैं. उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से हथियार भी बरामद किए हैं. नैनीताल जिला प्रशासन, जिसके अंतर्गत हलद्वानी आता है, ने अब हलद्वानी के कई हिस्सों में कर्फ्यू में ढील दे दी है, लेकिन बनभूलपुरा इलाके में अभी भी कर्फ्यू लगा है.
पुलिस ने घर के अंदर रहने को कहा
लोगों से सख्ती से कहा गया है कि वे घर के अंदर ही रहें वर्ना कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. जिन इलाकों में अभी भी कर्फ्यू लगा हुआ है, उन्हें छोड़कर हलद्वानी के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं. यहां से कई मुस्लिम परिवार पलायन करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन जिला प्रशासन ने अब बनभूलपुरा के सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं को सील कर दिया है. सूत्रों ने बताया कि इलाके को सील करने का फैसला पुलिस ने इसलिए लिया क्योंकि जांचकर्ताओं को लगा कि हिंसा में शामिल दंगाई भाग भी सकते हैं.
जमीयत ने विजिट किया
रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने हल्द्वानी का दौरा किया और उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने जिला प्रशासन को अपनी मांगों से अवगत कराया. बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली. एसडीएम से मुलाकात के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कहा कि मस्जिद को गिराने का फैसला प्रशासन ने जल्दबाजी में लिया, जिससे इलाके में तनाव और हिंसा हुई.