Guljan Khanam: राजस्थान के अजमेर में मौजूद गगवाना गांव चर्चा में है. यहां की मुस्लिम सरपंच गुलजान खानम बहुत यहां की लड़कियों के लिए बहुत मेहनत कर रही हैं. वह बच्चों को पढ़ाती भी हैं.
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Guljan Khanam: रियासत राजस्थान के जिला अजमेर के देहात इलाका गगवाना में मुस्लिम सरपंच गुलजान खानम समाजी ज़िम्मेदारियों को बखूबी अदा कर रही हैं. ग्राम पंचायत की सरबराह की हैसियत से इन्तजामी किरदार के अलावा अपनी कौम की तलबाओं को बुलंदी के ओहदे पर देखने के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की है. गुलजान रोजाना गांव के महात्मा गांधी गवर्मेंट हायर सेकेंडरी स्कूल में 10वीं और 7वीं जमात की लड़कियों को मुफ़्त में तारीख़ी और अंग्रेजी तालीम देती हैं. कौम की बच्चियों के मुस्तक़बिल की ख़ातिर खुद को उन्होंने वक्फ कर रखा है. रोजाना गांव के गवर्मेंट स्कूलों में बाक़ायदगी से बच्चों को अंग्रेज़ी तालीम देने का काम अंजाम दे रही हैं.
2020 में बनीं सरपंच
गुलजान के खानदान में तालीम, तरक्की और तहज़ीब को बेहद एहतेराम दिया जाता है. यही वजह है की गुलजान ने सोफिया कॉलेज, अजमेर से अंग्रेजी में मास्टर डिग्री हासिल की और बी.एड पूरा करने के बाद तालीमी पेशे में दाखिल हुईं. उन्हें साल 2020 में गांव का सरपंच चुना गया. सरपंच गुलजान खानम का कहना है कि उनकी कोशिशें थीं कि गांव का हर एक बच्चा स्कूल में दाखिला ले और तालीम से महरूम ना रहे. इसका नतीजा ये हुआ कि गगवाना पंचायत को स्कूलों में 100% इंदराज के लिए गवर्मेंट की जानिब से उजियारा ग्राम पंचायत का ऐजाजी खिताब भी हासिल हुआ है.
स्कूलों में तबदीली
गुलजान की क़यादत में गगवाना गांव के स्कूलों में काबिले ज़िक्र तब्दीली देखी जा रही है. जहां वाट्सअप ग्रुप के ज़रिए तलबाओं के पेरेंट्स और असातज़ा के दरमियान मीटिंग से तालीम-तरक्की और तरबियत में अच्छा तालमेल देखा जा रहा है, वहीं मजमूई कैरियर कॉन्सलिंग के ज़रिए नौजवानों के ज़हनों में ज़िंदगी के मकसद को हासिल करने का जोश भर्ती है और उनके ख्वाबों को पूरा करने की नसीहतें फ़राहम करती हैं.
शौहर करते हैं मदद
एक साल के बेटे का गुलजान बेहद ख्याल रखती हैं तो दूसरी तरफ अपनी जिम्मेदारियों को भी अदा करती हैं. ऐसे में उनके शौहर बिलाल खान भी उनकी कोशिशों को कामयाब बनाने में हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं. अपनी जिम्मेदारियों को मुतवाज़िन करते हुए नरेगा साइटों का दौरा करती हैं, बेनेफिशरीज़ को सुनती हैं और गारमेंट स्कीम्स के बारे में काबिले कद्र जानकारी शेयर करती हैं.
लड़कियों की मदद
तालीम के अलावा गुलजान की कोशिशें मुआशी तौर पर बाइख़्तियार बनाने तक भी फैली हुई हैं. उनके पास 25 ख़्वातीन का सेल्फ हैल्थ ग्रुप है जिसमें हर एक ग्रुप में 16 ख़्वातीन को मजबूत बनाया है. सर्वे के ज़रिए उन्होंने ज़रूरतमंदों की पहचान की है, सरकारी लोन की सहूलियत दी है और वित्तीय स्वतंत्रता मालियाती आज़ादी को फ़रोग़ देते हुए ख़्वातीन को रोजगार और कारोबार से जोड़ा है.
उम्मीदों की रौशनी
मुख़्तलिफ़ एनजीओज के ज़रिए इलाके की तरक्की के लिए सिलाई, ब्यूटी पार्लर निसाब और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग शुरू किए गए हैं. गांव में ख़्वातीन इस हुनर से तरक्की के साथ-साथ मालिकाना हक भी अदा कर रही हैं. इस दूर दराज गांव में, सरपंच गुलजान खानम सिर्फ एक इन्तेजामी सरबराह ही नही हैं, बल्कि उम्मीदों की रौशनी हैं, जो गगवाना की बेटियों के लिए अंधेरों में रोशनी और मजबूत मुस्तक़बिल की राह बना रही हैं.