Shimla: दिल्ली स्थित हिमाचल भवन कुर्क करने के आदेश पर ने जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को घेरा
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Shimla: दिल्ली स्थित हिमाचल भवन कुर्क करने के आदेश पर ने जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को घेरा

Shimla News: HP हाईकोर्ट ने दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश दिया है. वहीं इस बड़े मुद्दे पर  नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने  सुक्खू सरकार को घेरा. कही ये बात..

Shimla: दिल्ली स्थित हिमाचल भवन कुर्क करने के आदेश पर ने जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को घेरा

Himachal Pradesh High Court: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने का आदेश जारी किया. ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार लगभग 150 करोड़ रुपये का बिजली बकाया भुगतान करने में विफल रही है. 

अदालत ने विद्युत विभाग के प्रधान सचिव को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की पहचान करने के लिए तथ्य-जांच करने का भी निर्देश दिया है. अदालत का यह फैसला सुक्खू सरकार द्वारा 64 करोड़ रुपये चुकाने के पिछले आदेशों की अनदेखी करने के बाद आया है, जो अब ब्याज के कारण बढ़कर लगभग 150 करोड़ रुपये हो गया है. 

बता दें, यह मामला लाहौल-स्पीति में चिनाब नदी पर बनने वाले 400 मेगावाट सेली हाइड्रो प्रोजेक्ट के संदर्भ में उठाया गया था. अदालत ने साफ किया कि यह राशि राज्य के खजाने से जा रही है, जिसका नुकसान जनता को उठाना होगा. इसलिए कंपनी को हिमाचल भवन को नीलाम कर अपनी रकम वसूलने की अनुमति दी गई है. 

इससे पहले प्रदेश सरकार को कंपनी द्वारा जमा की गई 64 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि सात प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश मिला था. हिमाचल प्रदेश सरकार की कोर्ट के इस आदेश की अवहेलना के बाद ब्याज समेत राशि अब 150 करोड़ पहुंच गई है. इस मामले में अगली सुनवाई छह दिसंबर को तय की गई है. 

इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली हिमाचल प्रदेश सरकार को उच्च न्यायालय ने बड़ा झटका दिया था. न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और बिपिन चंद्र नेगी की पीठ ने छह मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्ति को असंवैधानिक करार देते हुए उन्हें हटाने के आदेश दिये थे. 

वहीं, इसपर पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने भी जमकर हिमाचल सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि हाई कोर्ट का फैसला 13 जनवरी 2023 को आया और इसके बावजूद सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है. सेली जलविद्युत संयंत्र के लिए 64 करोड़ रुपये का प्रीमियम भुगतान करने का आदेश, मुझे लगता है कि हिमाचल प्रदेश सरकार सभी मुद्दों को बहुत गंभीरता से नहीं ले रही है. 

हिमाचल प्रदेश में यह इतना गंभीर मामला है, जहां सेली हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट का यह फैसला आया है और हिमाचल भवन को नीलाम करने की नौबत आ गई है. हिमाचल प्रदेश में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई. एक तो सरकार कोर्ट केसों को गंभीरता से नहीं ले रही है और एक के बाद एक फैसले हिमाचल प्रदेश में लिए जा रहे हैं जिससे सरकार की फजीहत हो रही है.

उन्होंने आगे कहा कि यह वित्तीय संकट का दौर है. अगर हिमाचल भवन की नीलामी की गई तो आने वाले समय में स्थिति ऐसी हो जाएगी कि सचिवालय नीलाम किया जाए. मौजूदा सरकार ने हिमाचल प्रदेश को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है और जिस तरह से नई नीति के नाम पर हाइड्रो सेक्टर में निवेश आने वाला था और जो लोग इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे. वो सभी लोग हिमाचल प्रदेश सरकार से नाखुश हैं और छोड़ रहा है. 

भारत सरकार के साथ हमारे जो भी प्रोजेक्ट हैं, चाहे वह एसजेवीएन के साथ हों, एनटीपीसी के साथ हों या एनएचपीसी के साथ हों, अतीत में हमने उनके साथ जो समझौते किए थे, उन पर भी सवाल उठाए गए हैं. इन 2 सालों में हिमाचल प्रदेश का काफी नुकसान हुआ है. हिमाचल प्रदेश में एक के बाद एक लिए गए फैसलों का क्रम देखें तो ये हिमाचल प्रदेश के लिए बड़ा झटका हैं. यह बहुत दुःख की बात है.

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