Kullu News: किसानों को अब उत्पाद बेचने के लिए नहीं करना पड़ेगा दिक्कतों का सामना, सरकार करवाएगी जगह उपलब्ध
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Kullu News: किसानों को अब उत्पाद बेचने के लिए नहीं करना पड़ेगा दिक्कतों का सामना, सरकार करवाएगी जगह उपलब्ध

Kullu Farmers News: हिमाचल में  किसान प्राकृतिक उत्पादों को अब जगह-जगह बेच सकेंगे. प्राकृतिक कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए केनोपी लगाई जाएगी. कुल्लू में किसानो का रुझान प्राकृतिक खेती की और बढ़ रहा है. 

 

Kullu News: किसानों को अब उत्पाद बेचने के लिए नहीं करना पड़ेगा दिक्कतों का सामना, सरकार करवाएगी जगह उपलब्ध

Himachal Pradesh News/मनीष ठाकुर: हिमाचल प्रदेश में सरकार के द्वारा अब प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत काम कर रहे किसानों को अपने उत्पाद बेचने के लिए जगह उपलब्ध करवाई जाएगी. हिमाचल प्रदेश के हर जिला के विकास खंड में किसान संगठनों के लिए कैनोपी भी उपलब्ध करवाई जाएगी. ताकि वे अपने खेतों में तैयार प्राकृतिक कृषि उत्पादों को बेच सके. 

हिमाचल प्रदेश में सरकार के द्वारा इस दिशा में कदम उठाए जा रहा है और जल्द ही प्राकृतिक उत्पादों को बेचने के लिए किसानों को अब दिक्कत का सामना नहीं करना होगा. जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कृषि विभाग की आत्मा परियोजना निदेशक डॉक्टर रितु गुप्ता ने बताया कि जिला कुल्लू के 6 विकास खंड में भी इसी योजना के तहत कार्य किया जाएगा और 14 कैनोपी किसान उत्पादक संगठनों को उपलब्ध करवाई जाएगी. आने वाले समय में भी विभिन्न मेलों तथा प्रदर्शनियों में किसान उत्पादक संगठनों को स्टॉल भी मुफ्त में उपलब्ध करवाया जाएगा. 

डॉक्टर रितु गुप्ता ने बताया कि जिला कुल्लू के बंजार उपमंडल की चकुरठा पंचायत में भी किसान उत्पादक संगठन बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है और दूसरा संगठन मनाली विधानसभा क्षेत्र के सर सेई में तैयार किया जाएगा. इसमें विभिन्न किसानों को जोड़ा जाएगा और इस साल में राष्ट्रीय कृषि खुशहाल योजना के तहत हर पंचायत से 10 किसानों को जोड़ने की योजना बनाई गई है. ऐसे में हर पंचायत में आत्मा परियोजना के तहत प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे और जहर मुक्त खेती करने के लिए किसानों को प्रेरित भी किया जाएगा.

आत्मा परियोजना की निदेशक डॉ रितु गुप्ता ने बताया कि जिला कुल्लू के छह विकासखंड में भी साल 2018 से लेकर अब तक 445 प्रशिक्षण शिविर लगाए गए हैं और 13 हजार 681 किसानों को इसका प्रशिक्षण दिया गया है. ऐसे में 12000 से अधिक किसान अब प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए हैं तथा 11000 से अधिक किसानों को सितारा पोर्टल पर भी पंजीकृत किया गया है.

वही बंजार विकासखंड से आई किसान अनीता नेगी ने बताया कि उन्होंने भी जब प्राकृतिक खेती शुरू की तो पहले उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लेकिन अब उनकी फसल काफी अच्छी हो रही है. सेब के साथ-साथ पर अपने बगीचे में मिश्रित खेती भी कर रही है और इससे उन्हें अब हर साल लाखों की आमदनी हो रही है. इसके अलावा आसपास के लोग भी प्राकृतिक खेती को देखकर इससे जुड़ रहे हैं.

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