विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री पर झूठे आंकड़े पेश करने का लगाया आरोप
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विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री पर झूठे आंकड़े पेश करने का लगाया आरोप

Himachal Pradesh News: हिमाचल में विधायक प्राथमिकता बैठक को लेकर सियासी घमासान हुआ जिसमें भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया है.

 

विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री पर झूठे आंकड़े पेश करने का लगाया आरोप

Himachal Pradesh News: विधायक प्राथमिकता बैठक को लेकर भाजपा विधायकों के बहिष्कार के बाद प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है. भाजपा ने मुख्यमंत्री पर झूठ बोले और गलत तथ्य पेश कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है. भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री को अपने आंकड़ों के सबूत पेश करने की चुनौती भी दी है.

शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री पर झूठे आंकड़े पेश करने के अलावा प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की ओर ले जाने के भी आरोप लगाए हैं. साथ ही रणधीर शर्मा ने विधानसभा में हुई भर्तियों में धांधली और सरकार के चहेतों को नौकरियां देने के भी आरोप लगाए हैं.

हिमाचल प्रदेश भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी और विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि विधायक प्राथमिकताओं को लेकर मुख्यमंत्री ने झूठ बोलकर प्रदेश की जनता को गुमराह किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो आंकड़े पेश किए वह तथ्यों से परे है. पिछले दो वर्षों में भाजपा विधायकों द्वारा दी गई प्राथमिकताओं पर नाबार्ड से कोई राशि नहीं मिली उन्होंने कहा कि 2 सालों में विधायकों की प्राथमिकताओं पर DPR नहीं बनी, वहीं जिन योजनाओं की DPR बनी उनके लिए राशि स्वीकृत नहीं हुई.

रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री को मीडिया में दिए गए आंकड़ों के सबूत पेश करने की भी चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने आंकड़ों के सबूत पेश करें अन्यथा अपना बयान वापस लें.

उन्होंने कहा कि जनता उनके इस बयान से भ्रमित हुई है. विधायक प्राथमिकता की बैठकों में विपक्ष के विधायकों की प्राथमिकताओं को नहीं सुना गया इसलिए विपक्ष के विधायकों ने प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार किया था. हालांकि लिखित में वह अपनी प्राथमिकताएं सरकार को देंगे.

वहीं विधायक रणधीर शर्मा ने मौजूदा सुखविंदर सिंह सरकार पर प्रदेश को आर्थिक दिवालियेपन की ओर ले जाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने 30 हजार करोड़ का कर्ज लिया है लेकिन प्रदेश में विकास कार्य ठप्प पड़े हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के समय खजाना बंद हो चुका है.

इस कारण प्रदेश के अंदर विकास और गरीब कल्याण के कार्य ठप्प पड़े हैं. रणधीर शर्मा ने कहा कि विधायक भी विवेकाधीन कोष से गरीब लोगों की मदद नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने सरकार पर फिजूलखर्ची का भी आरोप लगाया है. रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें प्रदेश में फिजूलखर्ची रोकनी चाहिए.

सरकार सीपीएस को बचाने के लिए वकीलों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है. प्रदेश में कैबिनेट दर्जा प्राप्त सलाहकारों को लाखों रुपए वेतन दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह फिजूलखर्ची रोकनी चाहिए और पैसे विकास कार्यों पर खर्च करने चाहिए.

इस बीच विधायक रणधीर शर्मा ने सरकार पर हाल ही में हुई विधानसभा भर्तियों में धांधली का आरोप लगाया है. रणधीर शर्मा ने कहा कि विधानसभा में हुई भर्तियों में जरूरी मानदंडों का पालन नहीं किया गया.

उन्होंने आरोप लगाया कि इन भर्तियों में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष के चहेतों को नौकरियां दी गई. रणधीर शर्मा ने आरोप लगाया कि इसमें किसी ड्राइवर तो किसी मीडिया प्रभारी के बेटों को नौकरी मिल गई.

उन्होंने कहा कि भाजपा मांग करती है कि इन नौकरियों को रद्द किया जाए और भर्ती प्रक्रिया को दोबारा विज्ञापित किया जाए. रणधीर शर्मा ने कहा कि नौकरियों में हुई धांधली की जांच होनी चाहिए और जिस एजेंसी पर मुख्यमंत्री भरोसा करते हैं, उससे जांच करवाई जानी चाहिए.

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