ज्यादा पानी पीने से क्या होता है? इन नुकसानों को जान संभल जाएंगे

Disadvantages of Drinking water: जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हल्के और थोड़े परेशान करने वाले जानलेवा लक्षण पैदा होते हैं. ज्यादा पानी पीने से जीवन को खतरा होता है, खासकर जब प्रमुख इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है.

Written by - IANS | Last Updated : Dec 10, 2024, 08:15 PM IST
ज्यादा पानी पीने से क्या होता है? इन नुकसानों को जान संभल जाएंगे

Water Disadvantages:  जल ही जीवन है और किसी भी एनर्जी ड्रिंक से सबसे ज्यादा लाभप्रद भी. ज्ञानी ध्यानी और बड़े बुजुर्ग अक्सर ये कहते आए हैं. लेकिन ये भी सच है कि हर चीज की अति खराब होती है. इसी तरह खुद को ज्यादा हाइड्रेट करना भी मुश्किल का सबब बन सकता है. कुछ वार्निंग साइन होते हैं अगर इन पर नजर बनाए रखी तो ओवरडोज (पानी का ही सही) से बच सकते हैं.
हमें लगातार हाइड्रेटेड रहने के लाभों के बारे में याद दिलाया जाता है, लेकिन पर्याप्त पानी पीना मुश्किल हो सकता है. लेकिन फिर पता कैसे चले कि आप जरूरत से ज्यादा पानी पीकर आफत को दावत दे रहे हैं?

जरूरत से ज्यादा पानी पीने से हल्के और थोड़े परेशान करने वाले जानलेवा लक्षण पैदा होते हैं. ज्यादा पानी पीने से जीवन को खतरा होता है, खासकर जब प्रमुख इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है.

न्यूट्रिशनिस्ट रिद्धि खन्ना कहती हैं, 'ज्यादा पानी पीने से हाइपोनेट्रेमिया की स्थिति में हम पहुंच सकते हैं, जो रक्त में सोडियम के स्तर में खतरनाक गिरावट लाता है.'

सोडियम एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट है जो शरीर के ट्रैफिक गार्ड की भूमिका निभाता है. यह नियंत्रित करता है कि पूरे शरीर में पानी कहां वितरित किया जाता है और ब्लैडर में कितना भेजा जाता है. पानी का नशा होना अपेक्षाकृत असामान्य है, लेकिन ऐसा तब हो सकता है जब आप अपने शरीर द्वारा उत्सर्जित की जाने वाली मात्रा से ज्यादा पीते हैं.

ज्यादा पानी पीने का पता कैसे लगाएं?
ज्यादा पानी पीने का पता बहुत आसान तरीके से लग सकता है. मुख्य चार तरीके हैं. इसमें पेशाब का रंग बहुत साफ दिखने लगता है. दरअसल, पेशाब का रंग यूरोक्रोम की वजह से हल्का पीला होता है और अगर ऐसा नहीं होता तो ये वॉर्निंग साइन है. इसके अलावा दिन में 6 से 8 बार से ज्यादा वॉशरूम जाना भी आपको सतर्क करता है.

अगर पानी ज्यादा पीते हैं तो पेट फूला रहता है और मतली आती है. इससे आगे बढ़ें तो सिरदर्द होता है और ब्रेन फॉग की स्थिति से गुजरना पड़ सकता है. वो इसलिए क्योंकि सोडियम का स्तर थोड़ा कम हो जाता है, जिससे कोशिकाएं फूल जाती हैं.

कोशिकाओं के फैलने के लिए लगभग कोई जगह नहीं होती. इससे दबाव बनता है, जिससे सिरदर्द होने लगता है. तो इस तरह ये वॉर्निंग साइन हैं जो आपको बिना डॉक्टर के पास जाए बता देते हैं कि संभलने का वक्त यही है. संभल जाएं और जल सेवन की अति से बचें.

(IANS)

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