नई दिल्ली: AK-203 Rifle Power and Features: भारत अपनी सेना के हथियारों को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़े कदम बढ़ा रहा है. इसी क्रम में भारत ने अपनी असॉल्ट राइफल भी बदल दी है. भारतीय सैनिकों के पास अब आतंकियों की AK-47 बंदूक का जवाब होगा. AK-47 का मुकाबला करने के लिए भारत ने रूस के साथ मिलकर AK-203 राइफल बनाई है. चलिए, जानते हैं कि AK-203 राइफल में क्या खासियतें हैं, जो भारत ने इसे अपनी आर्मी को देना तय किया है.
रूस के साथ राइफल बना रहा भारत
जानकारी के मुताबिक, AK-203 राइफल बीते साल से ही भारतीय सेना को मिलना शुरू हो गई थी. तब इंडियन आर्मी को 35000 AK-203 राइफल सौंपी गई थीं. अब भारत और रूस मिलकर 6.1 लाख AK-203 का निर्माण कर रहा है. ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक भारत को 70,000 AK-203 राइफल सौंपी जा सकती हैं.
भारत में ही बन रही ये राइफल
बता दें कि AK-203 राइफल की डील भारत ने रूस के साथ साल 2021 में साइन की थी. ये 5100 करोड़ रुपये में की गई थी. राइफल बनाने वाली फैक्ट्री की भारत में ही स्थापित की गई है. ये फैक्ट्री उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित है. इस राइफल को इंडो रशियन राइफल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना रही है.
AK-203 राइफल की खासियतें
- AK-203 राइफल से एक मिनट में 700 राउंड फायर किए जा सकते हैं
- AK-203 की प्रभावी फायरिंग रेंज 400 से 800 मीटर तक है
- AK-203 का बैरल क्रोम-लाइन्ड है, जो लंबी आयु और जंग से सुरक्षा सुनिश्चित करता है
- AK-203 में सेमी-ऑटोमैटिक और फुल-ऑटोमैटिक दोनों मोड उपलब्ध हैं
- इसका वजन लगभग 3.8 किलोग्राम (खाली मैगज़ीन के साथ) है
- स्टॉक फोल्ड होने पर इसकी लंबाई 690 मिमी और खुलने पर 930 मिमी होती है.
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