डायबिटीज ही नहीं, हार्ट डिजीज का भी जोखिम बढ़ा सकता है इंसुलिन रजिस्टेंस, पुरुषों के लिए ज्यादा खतरनाक!

इंसुलिन रेजिस्टेंस की वजह से न केवल डायबिटीज का खतरा अधिक होता है बल्कि इंसुलिन रेजिस्टेंस से हार्ट संबंधी डिजीज होने का भी जोखिम अधिक हो सकता है.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 27, 2024, 06:58 PM IST
  • इंसुलिन रजिस्टेंस से हो सकती है ये बीमारी
  • क्या होती है इंसुलिन रजिस्टेंस
डायबिटीज ही नहीं, हार्ट डिजीज का भी जोखिम बढ़ा सकता है इंसुलिन रजिस्टेंस, पुरुषों के लिए ज्यादा खतरनाक!

नई दिल्ली: हाल ही में एक शोध में खुलासा हुआ है कि इंसुलिन रेजिस्टेंस से एओर्टिक स्टेनोसिस का जोखिम बढ़ सकता है.  एओर्टिक स्टेनोसिस 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पुरुषों में एक आम हार्ट डिजीज है. पत्रिका एनल्स ऑफ मेडिसिन में पब्लिश स्टडी में हृदयाघात का कारण बनने वाले एओर्टिक स्टेनोसिस के लिए इलाज मिल सकता है. 

क्या है एओर्टिक स्टेनोसिस
एओर्टिक स्टेनोसिस वह कंडीशन है  जब एओर्टिक वाल्व संकीर्ण हो जाता है या पूरी तरह से नहीं खुलता है. इस वजह से हार्ट से शरीर में रक्त का प्रवाह या फ्लो कम हो जाता है. अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो वाल्व धीरे-धीरे और सख्त व संकीर्ण हो सकता है, जिससे हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है. 

शोध 
फिनलैंड के कुओपियो विश्वविद्यालय अस्पताल के शोधकर्ताओं ने महाधमनी स्टेनोसिस वाले लोगों में उच्च इंसुलिन प्रतिरोध से संबंधित कई बायोमार्करों फास्टिंग इंसुलिन, प्रोइंसुलिन और सीरम सी-पेप्टाइड की पहचान की. किसी व्यक्ति को इंसुलिन प्रतिरोधी (इंसुलिन रेजिस्टेंस) तब कहा जाता है जब उसका शरीर इंसुलिन के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया नहीं दे पाता है. यह शरीर को रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने के लिए सामान्य से अधिक इंसुलिन का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करता है.  फिनलैंड के कुओपियो यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल की प्रमुख लेखिका डॉ. जोहाना कुसिस्टो ने कहा, "यह नई खोज इस बात पर प्रकाश डालती है कि इंसुलिन प्रतिरोध महाधमनी स्टेनोसिस के लिए एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनीय जोखिम कारक हो सकता है.  कुसिस्टो ने कहा, ''इंसुलिन रेजिस्टेंस तेजी से आम होता जा रहा है, इसलिए मेटाबोलिक स्वास्थ्य का प्रबंधन महाधमनी स्टेनोसिस के जोखिम को कम करने और वृद्ध आबादी में हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने का एक नया तरीका हो सकता है. 

पुरुषों पर किया अध्ययन 
अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 45 से 73 वर्ष की आयु के फिनलैंड के 10,144 पुरुषों के डेटा का विश्लेषण किया.  10.8 वर्षों के औसत फॉलो-अप पीरियड के बाद, 116 पुरुषों (1.1 प्रतिशत) में महाधमनी स्टेनोसिस पाया गया. वैसे वजन को कम करके और वर्कआउट से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार किया जा सकता है. 
कुसिस्टो ने इसके लिए आगे और भी शोध करने का आह्वान किया है ताकि लोगों को हार्ट डिजीज से बचाया जा सके. 

इनपुट-एजेंसी, आईएएनएस

 

(Disclaimer: यहां सभी जानकारी सामान्य सूचना देने के उद्देश्य से दी गई हैं. यह चिकित्सा सलाह नहीं है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें और किसी भी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत या सेहत से जुड़ा कोई भी फैसला लेने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें.)

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