इन 5 देशों में पढ़ने जाना हुआ मुश्किल, इंडियन स्टूडेंट्स का अब्रॉड स्टडी का सपना होगा चकनाचूर?

साल 2024 के जनवरी से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को अपने परिवार वालों को यूके लाने पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा डिग्री कोर्स कर रहे छात्रों को पढ़ाई खत्म होने तक स्टूडेंट वीजा को वर्क वीजा में बदलने की मनाही कर दी गई है. 

नई दिल्ली: पिछले कुछ समय से भारतीयों में विदेशों में पढ़ने का क्रेज बढ़ा है. अगर आप भी विदेश में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं तो ये आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है. बता दें कि कुछ देशों ने अपने वीजा के नियमों में बदलाव किए हैं, जिससे छात्रों को वहां जाकर पढ़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है. 

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ऑस्ट्रेलिया: 'न्यूज डॉटकॉम एयू' की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया अपने देश में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स पर 20 हजार  की कटौती करने वाला है. देशभर में विदेशों छात्रों की भरमार होने के कारण यह फैसला लिया गया. 'TOI'की रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए वीजा फी भी डबल कर दी है. इसकी कीमत 454 डॉलर (38,109 रुपये) से 1085 डॉलर (91,077 रुपये) तक बढ़ा दी गई है. वहीं ऑस्ट्रेलिया में प्रवेश करने के लिए छात्रों को 13.94 लाख की सेविंग से सीधा 16.91 लाख की सेविंग दिखानी होगी. 

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यूके: यूके ने भी स्टूडेंड वीज को लेकर कई सारे नियम लागू किए हैं. साल 2024 के जनवरी से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को अपने परिवार वालों को यूके लाने पर रोक लगा दी गई है. इसके अलावा डिग्री कोर्स कर रहे छात्रों को पढ़ाई खत्म होने तक स्टूडेंट वीजा को वर्क वीजा में बदलने की मनाही कर दी गई है. साथ ही यूके में रह रहे प्रवासी छात्रों के ग्रेजुएट इमिग्रेशन रूट पर भी नजर बनाई रखी जाएगी ताकी देश को किसी भी तरह की हिंसा से बचाया जा सके. 

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न्यूजीलैंड: 'इकोनॉमिक टाइम्स' के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया के जैसे ही न्यूजीलैंड ने भी 1 अक्टूबर 2024 से स्टूडेंट वीजा की कीमत 19,500 से 39,000 तक बढ़ा दी है. साल 2023 में देशभर में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या के कारण यह फैसला लिया गया. न्यूजीलैंड की इम्मीग्रेशन मिनिस्टर एरिका स्टैंफोर्ड के मुताबिक यह फैसला देशभर में इमिग्रेशन सिस्टम को बैलेंस करने के लिए लिया गया है.   

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कनाडा: कनाडा में भी जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने स्टडी परमिट की सीमा को तय करने और स्थायी निवास नामांकन को कम करने का फैसला लिया है. वहां की सरकार साल 2024 में केवल 360,000 स्टडी परमिट दे सकती है. सरकार का दावा है कि छात्रों की आमद ने देश के हेल्थकेयर, हाउसिंग और बाकी सेवाओं पर दबाव डाला है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया है. इसका साथ ही कनाडाई सरकार ने 21 जून से फॉरेन स्टूडेंट्स के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन वर्क परमिट ( PGWP) के आवेदन को रोक दिया है. 

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पोलैंड: पोलैंड ने भी इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए अपने नियम कठोर कर दिए हैं. 'इकोनॉमिक टाइम्स' के मुताबिक कुछ विदेशी छात्र पोलैंड में अपना स्टूडेंट वीजा का इस्तेमाल नौकरी के लिए कर रहे थे. इसको लेकर वहां के विदेश मंत्री रैडोस्लाव सिकोरस्की ने ऐलान किया कि पोलैंड में बिना हाई स्कूल डिप्लोमा वाले छात्रों को स्टूडेंट वीजा नहीं दिया जाएगा. बता दें कि पोलैंड में स्टूडेंट वीजा एक साल के लिए काम की अनुमति देता है. इसी का फायदा उठाते हुए कई ऐसे केस सामने आए जहां छात्र वीजा लेकर कभी यूनिवर्सिटी पढ़ने ही नहीं गए.