New Delhi: हलाल और झटका मीट पर विवाद, इस अहम प्रस्ताव को मिली मंजूरी

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले रेस्टोरेंट और दुकानों को ग्राहक को ये बताना अनिवार्य है कि उसकी दुकान पर मिल रही मीट हलाल है या झटका.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 25, 2020, 09:20 PM IST
  • दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव को मिली मंजूरी
  • हलाल और झटका मीट में अंतर
New Delhi: हलाल और झटका मीट पर विवाद, इस अहम प्रस्ताव को मिली मंजूरी

नई दिल्ली: देश में कई बार मांसाहार (Non Vegetarian) और शाकाहार (Vegetarian Food) भोजन पर विवाद की खबरें सामने आई हैं. इस बार मांसाहार भोजन पर एक नए विवाद ने जन्म ले लिया. दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने एक प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके मुताबिक अब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले रेस्टोरेंट और दुकानों को ग्राहक को ये बताना अनिवार्य है कि उसकी दुकान पर मिल रही मीट हलाल है या झटका.

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव को मिली मंजूरी

आपको बता दें कि दक्षिण निगम स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोत की अध्यक्षता में शुरू हुई बैठक में पार्षद अनीता तंवर तथा कमलेश शुक्ला ने समिति के पटल पर एक प्रस्ताव रखा था, जिसमें कहा गया कि रेस्टोरेंट एवं मीट की दुकानों द्वारा परोसे एवं बेचे जा रहे मीट के बारे में यह बताया जाए कि यह मीट हलाल हे या झटका इसे अनिवार्य रूप से लिखा जाना चाहिए ताकि वहां आने वाले ग्राहक को इसकी जानकारी रहे.

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हलाल और झटका मीट में अंतर

उल्लेखनीय है कि मुसलमान किसी भी हाल में हलाल मीट ही खाते हैं जबकि सिख और हिंदू झटका मीट को वरीयता देते हैं. हलाल करने से पहले कलमा पढ़ने और गर्दन पर तीन बार छुरी फेरने की मान्यता है. इस्लामिक कानून के मुताबिक जानवर हलाल के समय बेहोश नहीं होना चाहिए. हलाल मीट के लिए जानवर की गर्दन को एक तेज धार वाले चाकू से रेता जाता है. सांस वाली नस कटने के कुछ ही देर बाद जानवर की जान चली जाती है. 

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तीन मुख्य तरीकों से प्राप्त किया जाता है मांस

दुनिया में तीन मुख्य तरीके जानवरों को काटकर उनका मांस प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. हलाल, झटका और शेचिता. शेचिता तरीका यहूदियों में बहुत पुराने समय से इस्तेमाल होता आ रहा है. झटका का नाम बिजली के झटके से आया है. इसमें जानवर को काटने से पहले इलेक्ट्रिक शॉक देकर उसके दिमाग को सुन्न कर दिया जाता है ताकि वो ज्यादा संघर्ष न करे. उसी अचेत अवस्था में उस पर झटके से धारदार हथियार मारकर सिर धड़ से अलग कर दिया जाता है.

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