होम बायर्स को योगी सरकार का बड़ा गिफ्ट, साफ हुआ रजिस्ट्री का रास्ता

योगी सरकार के नए फैसले से अब राज्य में लगभग  2.40 लाख आवंटियों को राहत मिलेगी. चार महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था.

Written by - IANS | Last Updated : Dec 19, 2023, 08:59 PM IST
  • योगी सरकार का फैसला.
  • होम बायर्स को मिलेगी राहत.
होम बायर्स को योगी सरकार का बड़ा गिफ्ट, साफ हुआ रजिस्ट्री का रास्ता

नोएडा. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने होम बायर्स को बड़ा गिफ्ट दिया है. होम बायर्स के हित को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने बिल्डरों को बड़ी राहत दी है. राज्य कैबिनेट ने अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिश मानते हुए 1 अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक कोविड-19 से प्रभावित कालखंड को जीरो पीरियड मानते हुए बिल्डरों को इस अवधि में ब्याज में छूट देने का फैसला लिया है. सीएम की अध्यक्षता में मंगलवार सुबह कैबिनेट बैठक हुई.

कमेटी ने सिफारिश की थी अगर आवंटी ने पूरा पैसा जमा कर दिया है और उसे कब्जा नहीं मिला है तो उसे मकान का कब्जा दिलाकर उसकी रजिस्ट्री कराई जाए. अगर क्रेता मकान में निवास कर रहा है और उसकी रजिस्ट्री नहीं हुई है तो उसकी रजिस्ट्री कराई जाए.

कितने लोगों को होगा फायदा
योगी आदित्यनाथ सरकार के नए फैसले के बाद अब राज्य में लगभग  2.40 लाख आवंटियों को राहत मिलेगी. एक तरफ घर खरीदारों की अटकी हुई रजिस्ट्री का रास्ता साफ होगा तो दूसरी ओर कई सालों से लटकी हुई परियोजनाएं भी पूरी होंगी और आवंटियों को घर का कब्जा मिलेगा. योगी सरकार ने यह फैसला विशेष रूप से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद को ध्यान में रखकर लिया है.

इन इलाकों में फ्लैट खरीदार करीब दस-दस वर्षों से फंसे हुए हैं. इस वजह से नोएडा-ग्रेटर नोएडा में होम बायर्स का आए दिन प्रदर्शन होता रहता है. पूरे दिल्ली-एनसीआर और देशभर में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया था.

क्या है कमेटी की रिकमेंडेशन
चार महीने पहले बनी इस कमेटी ने बिल्डर्स की खराब वित्तीय हालत को देखते हुए अपनी रिकमेंडेशन दी थीं. इस कमेटी में यूपी के अलावा दिल्ली और हरियाणा के टॉप अधिकारी शामिल थे. सिफारिशें उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने नोएडा के तीनों विकास प्राधिकरणों को सिफारिशें भेजी थी. प्राधिकरणों के बोर्ड ने सिफारिशों पर आंशिक आपत्तियां लगाकर सरकार को वापस भेजा था. अब सरकार ने इस पर फैसला ले लिया है.

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