New Lok Sabha Speaker: 26 जून को नई लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव होने वाला है, ऐसे में सत्तारूढ़ और विपक्षी गठबंधन पीठासीन अधिकारी के पद पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एनडीए आम सहमति वाले उम्मीदवार के लिए प्रयास कर रहा है और विपक्षी दल इस पर सहमत हैं, लेकिन वे इस ओर इशारा कर रहे हैं कि परंपरा के अनुसार विपक्ष को उपसभापति का पद दिया जाना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, 'NDA के सूत्रों ने कहा कि सहयोगी दल भाजपा के विकल्प पर सहमत होंगे, लेकिन केवल परामर्श के बाद. जबकि जेडी(यू) ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह भाजपा द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का समर्थन करेगी, टीडीपी ने एनडीए उम्मीदवार के लिए समर्थन जताया है. टीडीपी के एक सूत्र ने कहा, 'लेकिन अगर आम सहमति बनती है, तो टीडीपी किसी पर जोर नहीं देगी. एनडीए की बैठक में, हम अध्यक्ष के नामांकन पर एनडीए की व्यापक आम सहमति के साथ जाएंगे.'
जेडी(यू) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'हम न तो अध्यक्ष पद की मांग करने जा रहे हैं और न ही उपाध्यक्ष पद की. वैसे भी उच्च सदन के उपसभापति हमारे सांसद हैं.'
विपक्ष क्या चाहता है?
रिपोर्ट कहती है कि विपक्ष में कई लोगों का कहना है कि पार्टियों को अपनी ऊर्जा सरकार को उन मुद्दों पर घेरने के लिए बचाकर रखनी चाहिए, जिन पर वे कड़े संदेश भेज सकें और सत्ता पक्ष पर अंकुश लगा सकें. बताया गया कि कांग्रेस को उम्मीद है कि सत्तारूढ़ पार्टी उपसभापति का पद देने की पेशकश करेगी, जो कि परंपरा है.
भाजपा-कांग्रेस मुलाकात
रविवार को एनडीए सहयोगियों के साथ भाजपा के वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक के बाद नवनियुक्त संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की. हालांकि, ये निकलकर सामने आया कि बैठक में पीठासीन अधिकारियों पर कोई चर्चा ही नहीं हुई.
2014 और 2019 में जब भाजपा के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत था, तब पार्टी सांसद सुमित्रा महाजन और ओम बिड़ला बिना किसी चुनाव के अध्यक्ष चुने गए थे. 16वीं लोकसभा में AIADMK के एम. थम्बी दुरई उपसभापति थे, लेकिन 17वीं लोकसभा में यह पद खाली रहा.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दो कार्यकालों के दौरान, 2004 और 2009 में उपसभापति का पद क्रमशः भाजपा सांसदों चरणजीत सिंह अटवाल और करिया मुंडा को दिया गया था.
नई लोकसभा
अनंतिम कैलेंडर के अनुसार, नई लोकसभा 24 जून को बैठक करेगी और नए सदस्यों को सोमवार और मंगलवार को शपथ दिलाई जाएगी.
बुधवार, 26 जून को अध्यक्ष का चुनाव होगा, यदि कोई सहमति नहीं बन पाती है. सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुने जाने की स्थिति में, नया अध्यक्ष उसी दिन बिना किसी परेशानी के कार्यभार संभाल लेगा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 जून को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी और 3 जुलाई तक शेष दिनों के लिए सरकारी कामकाज सूचीबद्ध है. इन दिनों के दौरान दोनों सदनों द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है.
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