कौन हैं रेहान और मिराया वाड्रा? जो वायनाड में प्रियंका गांधी के लिए कर रहे हैं प्रचार

Who is Raihan Vadra: प्रियंका गांधी की बेटी मिराया वाड्रा और बेटे रेहान वाड्रा रविवार को भीड़ के बीच प्रचार करते हुए देखे गए.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Nov 11, 2024, 03:18 PM IST
  • मिराया ने देहरादून के वेल्हम गर्ल्स कॉलेज से पढ़ाई की
  • रेहान प्रियंका गांधी के बड़े बेटे
कौन हैं रेहान और मिराया वाड्रा? जो वायनाड में प्रियंका गांधी के लिए कर रहे हैं प्रचार

Priyanka Gandhi Kids:  कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 13 नवंबर को होने वाले लोकसभा उपचुनाव के लिए UDF उम्मीदवार के तौर पर केरल के वायनाड में प्रचार कर रही हैं. कांग्रेस नेता की बेटी मिराया वाड्रा और बेटे रेहान वाड्रा रविवार को प्रचार के दौरान देखे गए.

कौन हैं मिराया वाड्रा?
22 वर्षीय मिराया ने देहरादून के वेल्हम गर्ल्स कॉलेज से पढ़ाई की है और प्रशिक्षक स्तर का डाइविंग कोर्स कर रही हैं. इससे पहले, उन्हें विपक्ष के नेता राहुल गांधी के साथ उनकी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान देखा गया था.

मिराया ने मई 2024 के लोकसभा चुनाव में पहली बार मतदान किया. दिल्ली में मतदान करने के बाद उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'यहां गर्मी है, लेकिन हमें हर पांच साल में बदलाव लाने और लोकतंत्र में भाग लेने का मौका मिलता है. इसलिए, सभी को बाहर आकर मतदान करना चाहिए.' वह 2016 में तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने हरियाणा गर्ल्स टीम के हिस्से के रूप में बास्केटबॉल चैंपियनशिप में भाग लिया.

रेहान वाड्रा कौन हैं?
24 वर्षीय रेहान प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा के बड़े बेटे हैं. उनके सोशल मीडिया हैंडल पर उन्हें पेशे से एक 'विजुअल आर्टिस्ट' बताया गया है, जिनके काम में सड़क और वन्यजीव फोटोग्राफी भी शामिल है. रेहान ने कोलकाता में 'द इंडिया स्टोरी' सहित कई कला प्रदर्शनियों में भी भाग लिया है. उन्होंने अब तक दो एकल कला प्रदर्शनियां आयोजित की हैं. पहली का नाम 'डार्क परसेप्शन' और दूसरी का नाम 'गेस' था.

रेहान ने 2024 के आम चुनावों में भी मतदान किया. मतदान के बाद उन्होंने पीटीआई से कहा, 'यहां गर्मी है, लेकिन हमें हर पांच साल में बदलाव लाने और लोकतंत्र में भाग लेने का मौका मिलता है. इसलिए, सभी को बाहर आकर मतदान करना चाहिए.'

वायनाड में प्रचार
वायनाड लोकसभा सीट कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ का गढ़ रही है, और चेलाकारा क्षेत्र लंबे समय से सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली एलडीएफ का गढ़ रहा है. वायनाड लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव जरूरी हो गया था, क्योंकि यहां और रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतने वाले राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया था.

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