नई दिल्ली: Mukhtar Ansari Family: यूपी के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. जिन्हें ये लगता है कि बेटा अपने बाप-दादा की राह पर चलता है, उन्हें मुख्तार को जान लेना चाहिए. जहां मुख्तार के नाम के आगे माफिया और डॉन जैसी उपमा लगती है, वहीं उनके दादा-नाना के नामे के पहले स्वतंत्रता सेनानी और ब्रिगेडियर जैसी उपाधि लगा करती थी. मऊ में अंसारी परिवार का अच्छा-खासा रसूख हुआ करता था. छवि भी साफ-सुथरी थी.
दादा फ्रीडम फाइटर थे
मुख्तार अंसारी गाजीपुर के एक नामी राजनीति परिवार से ताल्लुक रखता था. मुख़्तार के दादा डॉक्टर मुख़्तार अहमद अंसारी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ काम किया था. मुख्तार के दादा स्वतंत्रता सेनानी थे. उनका राजनीतिक रसूख भी काफी अधिक था, वे 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. दिल्ली में उनके नाम पर एक रोड भी है.
नाना ब्रिगेडियर थे
मुख्तार अंसारी के नाना का नाम मोहम्मद उस्मान था. वे फौज में ब्रिगेडियर थे. 1947 की लड़ाई में वे शहीद हो गए थे. इसके लिए उन्हें महावीर चक्र से नवाजा गया. नवशेरा की लड़ाई में मोहम्मद उस्मान ने भारत को विजय दिलाई थी.
चाचा उपराष्ट्रपति
साल 2007 से 2017 तक देश के उपराष्ट्रप्ति रहे मोहम्मद हामिद अंसारी भी रिश्ते में मुख्तार के चाचा लगते हैं. हामिद अंसारी इंडियन फॉरेन सर्विसेज में भी रहे हैं.
जब SC में मुख्तार ने बताया अपने परिवार का रसूख
मुख्तार ने एक बार सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि मुझे राज्य प्रायोजित एनकाउंटर मारे जाने का खतरा है. मैं ऐसे परिवार से ताल्लुक रखता हूं जिसने देश के स्वाधीनता आंदोलन में भूमिका निभाई है. देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी भी मेरे ही परिवार से हैं. उड़ीसा के गवर्नर रहे शौकतउल्लाह अंसारी मेरे रिश्तेदार हैं. जस्टिस आसिफ अंसारी भी मेरे परिवार के सदस्य रहे हैं.
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