बॉर्डर पर चीन को चालाकी नहीं करने देगा भारत, अभी LAC पर नहीं कम होंगे सैनिक

ब्रह्मपुत्र पर बांध, लद्दाख में काउंटी विवाद समेत अन्य मुद्दों की वजह से भारत और चीन के संबंधों में उतार-चढ़ाव ज्यादा नजर आता है. इसी बीच सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अहम बात कही. उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी सेनाओं के बीच 'कुछ हद तक गतिरोध' बना हुआ है. ऐसे में दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए विश्वास बहाल करने की जरूरत है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 14, 2025, 09:26 AM IST
  • LAC पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील
  • सर्दियों में सैन्य कटौती नहीं करेगा भारत
बॉर्डर पर चीन को चालाकी नहीं करने देगा भारत, अभी LAC पर नहीं कम होंगे सैनिक

नई दिल्लीः ब्रह्मपुत्र पर बांध, लद्दाख में काउंटी विवाद समेत अन्य मुद्दों की वजह से भारत और चीन के संबंधों में उतार-चढ़ाव ज्यादा नजर आता है. इसी बीच सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अहम बात कही. उन्होंने कहा कि प्रतिद्वंद्वी सेनाओं के बीच 'कुछ हद तक गतिरोध' बना हुआ है. ऐसे में दोनों देशों को तनाव कम करने के लिए विश्वास बहाल करने की जरूरत है.

LAC पर हालात स्थिर लेकिन संवेदनशील

रिपोर्ट्स की मानें तो सेना प्रमुख ने कहा कि अभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की संख्या कम नहीं की जाएगी. उन्होंने एलएसी पर मौजूदा हालात को स्थिर लेकिन संवेदनशील बताया. उन्होंने कहा कि चीन के साथ सैन्य टकराव के मुद्दे को हल करने के लिए भारत के पास 'पर्याप्त रणनीतिक धैर्य' है.

सर्दियों में सैन्य कटौती नहीं करेगा भारत

सेना प्रमुख ने साफ किया कि एलएसी पर संतुलित और मजबूत तरीके से भारतीय सेना तैनात है. वह किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार है. उन्होंने मौजूदा परिस्थितियों का हवाला देते हुए कहा कि सर्दियों में सैन्य कटौती करना ठीक नहीं है. वहीं गर्मियों में तैनाती पर फैसला चीन के साथ बातचीत के परिणामों के आधार पर होगा.

भरोसे की नई परिभाषा की जरूरत

उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना ने कई बार घुसपैठ की थी. इसके बाद दोनों पक्षों ने इलाके में निर्माण कार्य किए हैं. सैनिकों की तैनाती भी की गई है और सैन्य स्टॉकिंग की मदद ली गई है. ऐसे में कुछ हद तक गतिरोध बना हुआ है. सेना प्रमुख ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच भरोसे के नई परिभाषा होनी चाहिए. हमें शांति और विश्वास बहाली के लिए साथ बैठकर इस बारे में व्यापक समझ बनाने की जरूरत है. 

उन्होंने कहा कि सेना अगले दौर की कूटनीतिक और विशेष प्रतिनिधि स्तर की बातचीत के नतीजों के आधार पर आगे बढ़ने का इंतजार करेगी.

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