कैंसर से बिगड़ती मां की तबीयत को देख बेटे ने उठाया खौफनाक कदम, सरकारी अस्पताल में कर दिया बड़ा कांड

Doctor attacked in chennai hospital: इस घटना से सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी पर बहस छिड़ गई है. मुख्यमंत्री स्टालिन की मामले में प्रतिक्रिया आई है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Nov 13, 2024, 06:00 PM IST
  • तमिलनाडु के सीएम ने क्या कहा?
  • डॉक्टरों की भारी कमी
कैंसर से बिगड़ती मां की तबीयत को देख बेटे ने उठाया खौफनाक कदम, सरकारी अस्पताल में कर दिया बड़ा कांड

Chennai News: चेन्नई के गिंडी में कलैगनार सेंटेनरी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल (KCSSH) में बुधवार को एक ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ डॉक्टर को चाकू घोंपकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया. ऐसा एक मरीज के रिश्तेदार द्वारा किया गया. इस हमले को लेकर सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा और स्टाफिंग की स्थिति को लेकर चिकित्सा पेशेवरों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. साथ ही विरोध प्रदर्शन की भी धमकी दी.

डॉ. बालाजी जगन्नाथ, अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग में ड्यूटी पर थे, जब पेरुंगलथुर निवासी 26 वर्षीय आरोपी विग्नेश उनसे मिलने आया. स्थानीय पुलिस के अनुसार, विग्नेश और उसके तीन दोस्त सुबह करीब 10.30 बजे विग्नेश की मां से मिलने अस्पताल में आए, जिनका कैंसर का इलाज चल रहा है. अंदर घुसने के बाद, ग्रुप ने पर महिला की बिगड़ती हालत को लेकर डॉ. जगन्नाथ के साथ बहस की, जिसमें विग्नेश ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया.

पुलिस के अनुसार, विग्नेश ने गुस्सा में रसोई का चाकू निकाला और डॉ. जगन्नाथ पर हमला कर दिया. उनकी गर्दन पर चाकू से वार किया गया और उनके सिर और शरीर के ऊपरी हिस्से पर भी चोटें पहुंचाईं. वहां मौजूद लोगों ने तुरंत डॉक्टर को बचाया और ICU में भर्ती किया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने वहां मौजूद लोगों के साथ मिलकर आरोपी को पकड़ लिया. जिसे अब आगे की पूछताछ के लिए चार अन्य लोगों के साथ पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया है.

तमिलनाडु के सीएम ने कहा...
इस घटना के बाद सरकारी अधिकारियों और स्वास्थ्य सेवा अधिवक्ताओं ने चिंता व्यक्त की है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने हमले को 'चौंकाने वाला' बताया और आश्वासन दिया कि घायल डॉक्टर को 'आवश्यक उपचार' प्रदान किया जाएगा. उन्होंने घटना के आसपास की परिस्थितियों की 'विस्तृत जांच' का भी आदेश दिया और चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा के लिए सरकार के उपायों पर जोर दिया. स्टालिन ने लिखा, 'हमारे सरकारी डॉक्टरों का निस्वार्थ कार्य अतुलनीय है और इस काम के दौरान उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है.'

डॉक्टरों की कमी
हालांकि, डॉक्टरों के संगठन राज्य सरकार से स्टाफ की गंभीर कमी को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, जो सरकारी अस्पतालों में संकट का एक प्रमुख कारण है. अक्टूबर 2024 तक, स्वीकृत डॉक्टरों के लगभग 30% पद खाली रह गए हैं - 18,000 स्वीकृत पदों में से लगभग 5,000 पद रिक्त हैं. दिसंबर 2024 और फरवरी 2025 के बीच यह कमी और भी खराब होने की आशंका है, जिसमें लगभग 1,000 डॉक्टरों के स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए जाने की उम्मीद है. बताया गया कि मरीजों के गुस्से का एक प्रमुख कारण राज्य में स्वास्थ्य प्रणाली में कर्मचारियों की कमी है.

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