नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पालघर में हुई 2 संतों की हत्या मामले की CBI जांच को लेकर मांगे तेज होने लगी हैं. ये मामला एक सामान्य अफवाह से हुई हत्या का नहीं, बल्कि इसमें कहीं ना कहीं संतों की हत्या के पीछे कोई साजिश थी. बड़ी खबर यही है की पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में CBI जांच की मांग एक बार फिर तेज़ हो गई है.
संतों की हत्या का सच कब आएगा सामने?
- पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में CBI जांच की मांग तेज
- कई संगठनों ने पालघर मामले की CBI जांच की मांग की
- जूना अखाड़े के अध्यक्ष अवधेशानंद गिरी ने भी CBI जांच की मांग की
- बीजेपी नेता राम कदम ने कहा- पालघर मामले की CBI जांच हो
- अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है पालघर मामले में सुनवाई
- याचिका में पालघर मामले की CBI जांच की मांग
कई संगठनों ने पालघर मामले की CBI जांच की मांग की है. जूना अखाड़े के अध्यक्ष अवधेशानंद गिरी ने कहा है की संत समाज में आक्रोश है, जल्द जांच CBI को सौंपी जाए. बीजेपी नेता राम कदम ने भी यही बात कही है. निश्चित तौर पर संतों की हत्या की जांच CBI से होनी चाहिए. अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में इस मामले सुनवाई हो सकती है.
आपको बताते हैं कि पालघर में हुआ क्या था?
16 अप्रैल 2020 को पालघर के सिलवास बॉर्डर के पास साधुओं पर हमला हुआ और 2 साधु सहित 3 लोगों की हत्या कर दी गई. हमलावरों ने साधुओं की गाड़ी को पलट दिया, पुलिस ने पलटी गाड़ियों से साधुओं को निकाला जिसके बाद साधुओं पर भीड़ ने दोबारा हमला किया. दोनों साधुओं और ड्राइवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और महाराष्ट्र पुलिस तमाशबीन बनी रह जाती है. अब जब इस मामले की CBI जांच को लेकर मांग तेज हो गई है, तो ज़ी हिन्दुस्तान भी डंके की चोट पर 5 सवाल पूछता है.
पालघर: 125 दिन बाद अनसुलझे सवाल
सवाल नंबर 1- संतों की हत्या पर 'अफवाह' का पर्दा कब तक?
सवाल नंबर 2- संतों की हत्या की CBI से आनाकानी क्यों?
सवाल नंबर 3- लॉकडाउन में सैकड़ों लोगों की भीड़ कैसे जमा हुई?
सवाल नंबर 4- सिर्फ अफवाह की वजह से भीड़ ने साधुओं की हत्या की?
सवाल नंबर 5- संतों की हत्या पर CID की रिपोर्ट प्रायोजित है?
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