Diwali 2023: 700 वर्षों में पहली बार पांच राजयोग और तीन शुभ योग में मनेगी दीपावली

Diwali 2023: आज दीपावली है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पूरे देशभर में दीपावली का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है. इस साल दीपावली पर एक साथ 3 शुभ योग और 5 राजयोग का निर्माण हुआ है. दीपावली 12 नवंबर को है. इस दिन अमावस्या दोपहर तकरीबन 2:45 बजे से शुरू होगी.

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Nov 12, 2023, 08:37 AM IST
  • आज मनाई जाएगी दिवाली
  • 5 राजयोग बन रहे हैं आज
Diwali 2023: 700 वर्षों में पहली बार पांच राजयोग और तीन शुभ योग में मनेगी दीपावली

नई दिल्लीः Diwali 2023: आज दीपावली है. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर पूरे देशभर में दीपावली का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है. इस साल दीपावली पर एक साथ 3 शुभ योग और 5 राजयोग का निर्माण हुआ है. दीपावली 12 नवंबर को है. इस दिन अमावस्या दोपहर तकरीबन 2:45 बजे से शुरू होगी. 

पूजा के वक्त बनेंगे पांच राजयोग
शाम को लक्ष्मी पूजा के वक्त पांच राजयोग रहेंगे. इनके साथ आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेंगे. दीपावली पर शुभ योगों की ऐसी स्थिति पिछले 700 वर्षों में नहीं बनी. इतने शुभ संयोग बनने से ये लक्ष्मी पर्व सुख-समृद्धि देने वाला रहेगा. दीपावली पर बन रही ग्रह स्थिति देश की तरक्की का शुभ संकेत दे रही है. दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से नया साल शुरू होता है.

व्यापारियों में पुष्य नक्षत्र और धनतेरस से नए बही-खाते लेकर कारोबारी नया साल शुरू करने की परंपरा भी रही है. दीपावली से ही जैन समाज का महावीर निर्वाण संवत भी शुरू होता है.

ये हैं 5 राजयोग
ये 5 राजयोग गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के होंगे. इन राजयोगों का निर्माण शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु ग्रह स्थितियों के कारण बनेंगे. वैदिक ज्योतिष में गजकेसरी योग को सम्मान और लाभ देने वाला माना जाता है. हर्ष योग धन लाभ, संपत्ति और प्रतिष्ठा बढ़ता है. काहल योग स्थिरता और सफलता देता है. वहीं, उभयचरी योग से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है. दुर्धरा योग शांति और शुभता बढ़ाता है. 

वहीं कई सालों बाद दीपावली पर दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा जब शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे. 

12 नवंबर को सुबह चतुर्दशी और दोपहर में अमावस्या
12 नवंबर को सुबह रूप चौदस रहेगी. दोपहर 2.45 बजे अमावस्या तिथि लग जाएगी. लक्ष्मी पूजन अमावस्या की रात में ही होता है. इस कारण दीपावली की पूजा 12 नवंबर को ही होगी. पूजा के ज्यादातर मुहूर्त दोपहर 3 बजे से ही रहेंगे. अमावस्या सोमवार को दोपहर 02:57 तक रहेगी, इसलिए अगले दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या भी मनाई जाएगी. अमावस्या का स्नान दान वगैरह सोमवार को ही होगा.

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