चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर शेख हसीना का आया बयान, यूनुस सरकार पर भी दागे सवाल
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चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर शेख हसीना का आया बयान, यूनुस सरकार पर भी दागे सवाल

Sheikh Hasina: हसीना ने मौजूदा सरकार पर हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण करने में विफल रही है और आम जनता की सुरक्षा देने में भी असमर्थ है.

चिन्मय दास की गिरफ्तारी पर शेख हसीना का आया बयान, यूनुस सरकार पर भी दागे सवाल

Bangladesh human rights: बांग्लादेश में मचा बवाल कम नहीं हो रहा है. इसी कड़ी में चटगांव में हालिया हिंसा के बाद इस्कॉन के पूर्व प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सनातन धर्म के एक वरिष्ठ नेता को गलत तरीके से हिरासत में लिया गया है और उनकी अविलंब रिहाई होनी चाहिए. शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने उनके इस बयान को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर शेयर किया. इसमें उन्होंने चटगांव में एक वकील की हत्या की घटना पर भी प्रतिक्रिया दी और इसे मानवाधिकारों का बड़ा उल्लंघन बताया.

इतना ही नहीं शेख हसीना ने असंवैधानिक तरीके से सत्ता में आए यूनुस सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि यदि यह सरकार हत्यारों को सजा देने में विफल रहती है, तो उसे भी मानवाधिकार उल्लंघन के लिए दंडित किया जाएगा. उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.

यूनुस सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

हसीना ने मौजूदा सरकार पर हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण करने में विफल रही है और आम जनता की सुरक्षा देने में भी असमर्थ है. उन्होंने आम जनता पर हो रहे अत्याचारों की निंदा करते हुए कहा कि निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई के जरिए दमन का माहौल बनाया जा रहा है.

धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों की निंदा

शेख हसीना ने धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर भी गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि चटगांव में एक मंदिर को जलाया गया, जबकि पहले मस्जिदों, मजारों, गिरजाघरों और अहमदिया समुदाय के घरों पर भी हमले हुए थे. उन्होंने सरकार से सभी धर्मों के लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की.

साम्प्रदायिक सौहार्द्र को बहाल करने की अपील

उन्होंने सनातन धर्म के एक शीर्ष नेता की गिरफ्तारी को अनुचित बताते हुए तुरंत उनकी रिहाई की मांग की. उन्होंने कहा, "हर समुदाय के लोगों को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, और उनकी जान-माल की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए."

अवामी लीग कार्यकर्ताओं पर दमन का आरोप

शेख हसीना ने अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर हो रहे दमन की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि सरकार न केवल अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बना रही है, बल्कि आम जनता को भी भय और आतंक के साये में जीने के लिए मजबूर कर रही है. उन्होंने इन सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करते हुए इसे अराजकता फैलाने की साजिश करार दिया.

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